एनआइआरएफ में बेहतर रैंकिंग को गोरखपुर विश्वविद्यालय व एमएमएमयूटी ने कसी कमर
गोरखपुर विश्वविद्यालय और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) की रैंकिंग सूची में बेहतर स्थान हासिल करने के लिए दोनों विश्वविद्यालय प्रशासन ने कमर कस ली है। दिसंबर में आवेदन के लिए डाटा तैयार करने को बाकायदा कमेटी बना दी गई है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) की ओर से बीते दिनों में जारी रैंकिंग में गोरखपुर के गायब रहने को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय दोनों ने बेहद गंभीरता से लिया है। अगली बार रैंकिंग सूची में बेहतर स्थान हासिल करने के लिए दोनों विश्वविद्यालय प्रशासन ने कमर कस ली है। दिसंबर में आवेदन के लिए डाटा तैयार करने को बाकायदा कमेटी बना दी गई है। हर उस बिंदु पर डाटा इकट्ठा किया जा रहा है, जिससे रैंक सूची में अप्रत्याशित सुधार लाया जा सके।
बिंदुवार इकट्ठा किया जा रहा है आवेदन के लिए डाटा
गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अंग्रेजी विभाग के आचार्य प्रो. गौरहरि बेहरा के नेतृत्व में इसके लिए छह सदस्यीय टीम गठित की है। यह टीम बीते तीन वर्ष का डाटा तैयार कर रही है क्योंकि इसमें आवेदन के लिए तीन वर्ष के डाटा का मूल्यांकन होता है। टीम में डा. राजू गुप्ता, तूलिका मिश्रा, अर्चना सिंह भदोरिया, डा. लक्ष्मी जायसवाल, डा. श्रद्धा शुक्ला को शामिल किया गया है। यह लोग संकायाध्यक्षों और विभागाध्यक्षों के सहयोग से जरूरी डाटा संकलित कर रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक 80 फीसद डाटा संकलित कर लिया गया है। बीते वर्ष तैयारी पूरी न होने की वजह से गोरखपुर विश्वविद्यालय एनआइआएफ के लिए आवेदन नहीं कर सका था।
दिसंबर में आवेदन करने के लिए दोनों विवि ने बनाई कमेटी
उधर मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने एनआइआरफ की तैयारी के लिए करीब 47 लोगों की टीम तैयार की है। जिसमें समन्वयक से लेकर विभागााध्यक्षों और हर विभाग के दो-दो नोडल अधिकारियों को शामिल किया है। टीम अध्ययन- अध्यापन व मूल्यांकन, पाठ्यक्रम, शोध व नवाचार, अवस्थापना एवं सुविधाएं, ट्रेनिस व प्लसेमेंट, प्रशासनिक व्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था, नेतृत्व व प्रबंधक और संस्थागत मूल्य एवं परंपराएं आदि बिंदुओं पर डाटा एकत्र कर रही है। मानक को पूरा करने के लिए कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक की मदद भी ली जा रही है। कुलपति तैयारियों की प्रतिदिन खुद रिपोर्ट ले रहे हैं, जिससे तैयारी में कोई कमी न रह जाए।
गोरखपुर विश्वविद्यालय में कई ऐसे नए प्रयोग हुए हैं, जिसका सीधा फायदा एनआइआरएफ रैंकिंग में मिलेगा। मसलन 63 नए रोजगापरक पाठ्यक्रमों का शुरू किया जाना, शोध और नवाचारों को बढ़ावा देना, पर्यावरण संरक्षण में योगदान सुनिश्चित करना आदि। पूरी उम्मीद है कि इस बार एनआइआरएफ रैंकिंग में विश्वविद्यालय चमकता दिखाई देगा। - प्रो. राजेश सिंह, कुलपति, दीदउ गोरखपुर गोरखपुर विश्वविद्यालय।
एनआइआएफ रैकिग में बीते वर्ष हुई गिरावट को हमने बेहद गंभीरता से लिया। इस बार बेहतर रैंक हासिल करने के लिए हमारी टीम सक्रिय हो गई है। डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। कहीं कोई चूक न रह जाए, इसके लिए मैं खुद मानिटरिंग कर रहा हूं। आशा है कि इस बार विश्वविद्यालय की रैंकिंग में अप्रत्याशित रूप से सुधार आएगा। - प्रो. जेपी पांडेय, कुलपति, एमएमएमयूटी।