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UP Budget 2021: गोरखपुर से लखनऊ, दिल्ली की राह होगी आसान- लिंक एक्सप्रेस-वे को मिले 860 करोड़

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण समय से पूरा किया जा सके इसके लिए प्रदेश सरकार ने 860 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। धनराशि समय से मिलने से इस परियोजना को ओर रफ्तार मिल सकेगी। इसे मार्च 2022 तक पूरा करने की उम्मीद है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 09:05 AM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 09:35 AM (IST)
UP Budget 2021: गोरखपुर से लखनऊ, दिल्ली की राह होगी आसान- लिंक एक्सप्रेस-वे को मिले 860 करोड़
यूपी के बजट में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए 860 रुपये जारी किए हैं।

गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से गोरखपुर को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण समय से पूरा किया जा सके, इसके लिए प्रदेश सरकार ने 860 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। धनराशि समय से मिलने से इस परियोजना को ओर रफ्तार मिल सकेगी। इसे मार्च 2022 तक पूरा करने की उम्मीद है।

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ऐसा है लिंक एक्सप्रेस वे 

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे गोरखपुर बाइपास एनएच-27 पर स्थित ग्राम जैतपुर से शुरू होकर आजमगढ़ के पास पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में मिलाया जाएगा। इसकी कुल लंबाई 91.352 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेस वे गोरखपुर के साथ ही संतकबीरनगर, अंबेडकर नगर व आजमगढ़ को भी जोड़ेगा। शुरू में इसे चार लेन बनाया जा रहा है, जिसे भविष्य में छह लेन तक विस्तारित किया जाएगा। इसके एक ओर 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड बनायी जाएगी। 

91 किलोमीटर लंबी इस परियोजना का पांच फीसद से अधिक काम हो चुका है पूरा

इस मार्ग पर दो टोल प्लाजा, तीन रैंप प्लाजा, सात फ्लाईओवर, 16 व्हेकुलर अंडरपास, 50 लाइट व्हेकुलर अंडरपास, 35 पेडेस्ट्रियन अंडरपास, सात दीर्घ सेतु, 27 लघु सेतु तथा 389 पुलियों का निर्माण होगा। परियोजना की कुल अनुमोदित लागत 5876.68 करोड़ तथा सिविल निर्माण की अनुबंधित लागत 3024.10 करोड़ रुपये है। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए इसे दो पैकेजों में बांटा गया है। पैकेज-एक का निर्माण कार्य 10 फरवरी 2020 से एवं पैकेज-दो का निर्माण कार्य 19 जून 2020 से शुरू हो गया है। जनवरी तक करीब 25 फीसद मिट्टी का काम पूरा किया जा चुका है।

यह होगा लाभ

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण से गोरखपुर व आसपास के क्षेत्रों को लखनऊ, आगरा, दिल्ली के लिए वैकल्पिक मार्ग मिल सकेगा। इस क्षेत्र का सामाजिक एवं आर्थिक विकास होगा। यह एक्सप्रेस वे खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण एवं दुग्ध आधारित उद्योगों के लिए काफी मुफीद होगा।


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