ऐसे लोकल से वोकल होंगे गोरखपुर के उत्पाद, जानिये क्या बना है एक्सपोर्ट एक्शन प्लान Gorakhpur News
यह काम कंसलटेंसी फर्म अर्नेस्ट एंड यंग की ओर से किया जाएगा। जिलाधिकारी ने दिसंबर तक शार्ट टर्म एक्शन प्लान तैयार कर देने को कहा है। शार्ट टर्म प्लान पांच साल के लिए मीडियम टर्म 25 साल जबकि लांग टर्म प्लान 50 साल के लिए होगा।
गोरखपुर, जेएनएन। जिले के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए त्रिस्तरीय एक्सपोर्ट एक्शन प्लान बनाया जाएगा। सोमवार को आयोजित जिला निर्यात प्रोत्साहत समिति की बैठक में शार्ट टर्म, मीडियम टर्म व लांग टर्म एक्सपोर्ट एक्शन प्लान बनाने को कहा गया है। यह काम कंसलटेंसी फर्म अर्नेस्ट एंड यंग की ओर से किया जाएगा। जिलाधिकारी ने दिसंबर तक शार्ट टर्म एक्शन प्लान तैयार कर देने को कहा है। शार्ट टर्म प्लान पांच साल के लिए, मीडियम टर्म 25 साल जबकि लांग टर्म प्लान 50 साल के लिए होगा।
जिला उद्योग केंद्र की ओर से गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी बतौर अध्यक्ष आनलाइन जुड़े। आने वाले दिनों में टेराकोटा, रेडीमेड गारमेंट, बासमती एवं काला नमक चावल और केले से बने उत्पादों के निर्यात हब के रूप में गोरखपुर को विकसित करने पर सहमति बनी। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकल फार वोकल और डोमेस्टिक टू ग्लोबल मार्केट की मुहिम को मुकाम मिलेगा। बैठक में बताया गया कि 50 हजार करोड़ रुपये के चावल के निर्यात में उत्तर प्रदेश का हिस्सा 1700 करोड़ रुपये का है। उसमें से भी 49 फीसद नेपाल को निर्यात किया जाता है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इसमें केले से बने उत्पादों को भी शामिल करना होगा। गोरखपुर से अभी केवल 73 करोड़ रुपये का निर्यात ही किया जाता है। कानपुर से जुड़े संयुक्त महानिदेशक विदेश व्यापार अमित कुमार ने कार्ययोजना में शामिल होने वाले महत्वपूर्ण तथ्यों की विस्तार से जानकारी दी। नेपाल को करीब 162 वस्तुओं का निर्यात होता है। इसमें गोरखपुर के उत्पादों की संख्या बढ़ाने पर विचार चल रहा है। कार्ययोजना बनने के बाद आगे की राह तय होगी। उपायुक्त उद्योग आरके शर्मा ने बताया कि एक्सपोर्ट एक्शन प्लान के जरिये हमारी कोशिश है कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के वोकल फार लोकल और डोमेस्टिक टू ग्लोबल मार्केट की अपील को अंजाम तक पहुंचा सकें। बैठक में एक्सपोर्ट एक्शन प्लान को तैयार करने में सहयोगी अर्नस्ट एंड यंग के जोनल कंसल्टेंट अनुरूप साटले ने भी कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष दीपक कारीवाल ने निर्यात करने में बिल ऑफ एक्सपोर्ट के मिलने में देरी का मामला उठाया।जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि प्रदूषण और अन्य विभागों की अनुमति में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। बैठक में उपायुक्त उद्योग आरके शर्मा, चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार अग्रवाल, आशीष खेतान, अजय अग्रवाल आदि भी जुड़े रहे।
ड्राई पोर्ट की जरूरत
बैठक में उद्यमी धीरज मस्करा और आकाश जालान ने गोरखपुर में ड्राई पोर्ट की आवश्यकता पर जो दिया।निर्यात के लिए एक यहां एक ड्राई पोर्ट व कार्यालय बनाने की जरूरत बताई गई। जिलाधिकारी ने कहा कि इसके लिए जमीन उपलब्ध करा दी जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि फिलहाल दिसंबर तक शार्ट टर्म प्लान देने को कहा गया है।