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Gorakhpur needs IIT: एलुनिमाई को अखरने लगी है गोरखपुर में आइआइटी की कमी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से आज गुरु गोरक्षनाथ की नगरी देश के बड़े-बड़े शहरों की कतार में खड़ी हो गई है। लोकप्रियता के लिहाज से बात करें या फिर आधारिक व भौगोलिक संरचना के लिहाज से। ऐसे में शिक्षा से हर सुविधा यहां उच्च स्तरीय होनी चाहिए।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 04:18 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 06:23 PM (IST)
Gorakhpur needs IIT: एलुनिमाई को अखरने लगी है गोरखपुर में आइआइटी की कमी
एलुनिमाई को अखरने लगी है गोरखपुर में आइआइटी की कमी। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से आज गुरु गोरक्षनाथ की नगरी देश के बड़े-बड़े शहरों की कतार में खड़ी हो गई है। लोकप्रियता के लिहाज से बात करें या फिर आधारिक व भौगोलिक संरचना के लिहाज से। ऐसे में शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक हर सुविधा यहां उच्च स्तरीय होनी चाहिए, इससे शायद ही किसी की नाइत्तेफाकी होगी। स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा के लिए आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज यानी एम्स यहां स्थापित हो चुका है।

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निखरेगी पूर्वांचल की मेधा

अब यहां सर्वाधिक दरकार तकनीकी शिक्षा के उच्च संस्थान यानी आइआइटी की। जिस तरह से बीआरडी मेडिकल कालेज के रहते एम्स की जरूरत महसूस की गई, उसी तरह से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के होने के बावजूद अब यहां आइआइटी की जरूरत महसूस की जा रही है। जिससे पूर्वांचल के मेधा को अपना आइआइटी में पढ़ने के लिए बड़े शहरों की राह न पकड़नी पड़े, या मजबूर न होना पड़े।

गोराखपुर में आइआइटी को अनिवार्य मान रहे एमएमएमयूटी एलुमि‍नाई

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शिक्षक तो इसकी जरूरत महसूस कर रहे हैं, वहां के एलुमिनाई भी गोरखपुर में अब एक आइआइटी को अपरिहार्य बता रहे हैं। उनका कहना है कि पहले देश में केवल पांच आइआइटी थे पर अब इसकी संख्या दो दर्जन तक पहुंच गई है। कई ऐसे शहरों में ही आइआइटी की स्थापना की गई है, जिनसे गोरखपुर का कद आज की तारीख में काफी ऊपर है। बीते कुछ वर्षों मेंं यहां से आइआइटी में चयनित होने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ी है।

पूर्वांचल के नेतृत्‍वकर्ता के रूप में उभरा है गोरखपुर

भौगोलिक दृष्टि से भी गोरखपुर पूर्वांचल के नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरा है। ऐसे में गोरखपुर में आइआइटी का न होना अखर रहा है। कुछ एलुमिनाई प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को आइआइटी का दर्जा देने की वकालत कर रहे हैं तो कुछ अलग से एम्स की तरह अलग से आइआइटी की स्थापना की बात कह रहे। कुछ इसका फैसला जिम्मेदारों पर छोड़ रहे हैं।

हर सुविधा है गोरखपुर में तो आइआइटी क्यों नहीं

मालवीय एलुमिनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष ई. गोपाल मिश्रा ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वी बिहार तक अगर कोई आइआइटी है तो वह मात्र बीएचयू आइआइटी, जो गोरखपुर से पर्याप्त दूर है। गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश व पूर्वी बिहार के केेंद्र में है, इसलिए यहां अगर आइआइटी होगा तो वह लंबे दायरे का प्रतिनिधित्व करेगा। ई. गोपाल ने आइआइटी की जरूरत के क्रम में गोरखपुर के हवाई सेवा के जरिए बड़े शहरों से जुड़ने की भी चर्चा की।

गोरखपुर के लिए अ‍परिहार्य है आइआइटी

मालवीय एलुमिनाई एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ई. जेबी राय का कहना है कि गोरखपुर में आइआइटी स्थापित करने की मांग एक दशक पहले सही उठा रही है पर अब यह अपरिहार्य हो गया है। आधारिक संरचना हो या भौगोलिक परिस्थितियां, हर दृष्टि से गोरखपुर आइआइटी स्थापित होने की योग्यता रखता है। यहां आइआइटी स्थापित होने के बाद देश भर के छात्र, यहां पढ़ने आएंगे तो अध्ययन-अध्यापन का स्तर उठेगा, जिससे पूर्वांचल समृद्ध् होगा।

बिहार व नेपाल से सटे होने की वजह से काफी महत्‍वपूर्ण है गोरखपुर

एलुमिनाई ई. प्रवीर आर्या ने कहा कि गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश का बड़ा शहर है और बीते कुछ वर्षों में इसकी प्रतिष्ठा राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी है। बिहार और नेपाल से सटे होने के कारण इसका महत्व और बढ़ जाता है। ऐसे में यहां मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के होने के बावजूद आइआइटी की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है। अगर यहां आइआइटी खुल जाए तो तकनीकी शोध को बढ़ावा मिलेगा, जिसका सीधा लाभ समूचे पूर्वांचल को मिलेगा।


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