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आप भी जानें- गोरखपुर में क्‍यों नहीं थम रही छेड़खानी की घटनाएं, छह माह में 6218 युवक धराए, Gorakhpur News

गीडा को छोड़ हर थाने में एंटी रोमियो दस्ता गठित है। छह माह के दौरान स्कूल टाइम में 1210 विद्यालयों के समीप छेड़खानी करते 6218 शोहदों को पकड़ा गया व चेतावनी देकर छोड़ा गया।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 07:17 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 08:30 PM (IST)
आप भी जानें- गोरखपुर में क्‍यों नहीं थम रही छेड़खानी की घटनाएं, छह माह में 6218 युवक धराए, Gorakhpur News
आप भी जानें- गोरखपुर में क्‍यों नहीं थम रही छेड़खानी की घटनाएं, छह माह में 6218 युवक धराए, Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। जिले में लड़कियों व महिलाओं की सुरक्षा के लिए लगातार अभियान चल रहा है। शोहदों का आतंक थामने के लिए गठित 27 एंटी रोमियो स्क्वाड ने छह माह में 6218 मनचलों को पकड़ा और चेतावनी देकर छोड़ा पर छेड़खानी की घटनाएं कम होने की जगह और बढ़ गईं। इन घटनाओं पर रोक के लिए अब प्रभावी कार्रवाई की दरकार है।

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पुलिस केस देर में दर्ज करती है केस

सात सितंबर-चौरीचौरा क्षेत्र के एक गांव में शिक्षक ने किशोरी से छेड़खानी की और विरोध करने वाली मां के साथ दुष्कर्म किया पर पुलिस ने केस दर्ज करने में तीन सप्ताह लगा दिए। 12 सितंबर-कैंपियरगंज क्षेत्र के एक गांव की दो बहनों के साथ छेड़खानी  व चार दिन बाद अपहरण किया गया पर पुलिस ने 13 दिन बाद केस दर्ज किया। 25 सितंबर-चौरीचौरा क्षेत्र एक गांव में किशोरी के साथ छेड़खानी व दुष्कर्म का प्रयास।

यह है एंटी रोमियो स्क्वाड की स्थिति

यह तीन घटनाएं तो बानगी मात्र हैं, लेकिन आए दिन हो रही छेड़खानी और विरोध करने वाले परिजनों की पिटाई पर विराम न लगने का कारण केस लिखने में देरी है। बताते चलें कि जिले में 28 थाना हैं और 27 पर एंटी रोमियो स्क्वाड गठित है। थाने पर गठित प्रत्येक स्क्वाड में एक एसआइ, दो पुरुष व एक महिला आरक्षी भी हैं। इतना ही नहीं, जनपद स्तरीय स्क्वाड में दो पुरुष, तीन महिला आरक्षी शामिल हैं।

स्‍कूल टाइम के दौरान होती है छेड़खानी

एंटी रोमियो स्‍क्‍वायड के प्रभारी संदीप सिंह का कहना है कि छेड़खानी पर रोक के लिए गीडा को छोड़ हर थाने में एंटी रोमियो दस्ता गठित है। छह माह के दौरान स्कूल टाइम में 1210 विद्यालयों के समीप छेड़खानी करते 6218 शोहदों को पकड़ा गया व चेतावनी देकर छोड़ा गया। घटना होने पर तत्काल सूचना देने के लिए लड़कियों को प्रेरित करने का कार्य जारी है। लड़कियों संग परिजनों का सहयोग इसी तरह मिलता रहा तो छेड़खानी पर शीघ्र ही प्रभावी अंकुश लगा जाएगा।


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