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Coronaviras Lockdown in Gorakhpur: 13 साल बाद एक हफ्ते के लिए बंद हुई गोरखपुर की हृदयस्‍थली

कोरोना वायरस के कारण 13 साल बाद गोरखपुर फिर एक सप्ताह के लिए बंद हुआ है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 07:05 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 07:05 PM (IST)
Coronaviras Lockdown in Gorakhpur:  13 साल बाद एक हफ्ते के लिए बंद हुई गोरखपुर की हृदयस्‍थली
Coronaviras Lockdown in Gorakhpur: 13 साल बाद एक हफ्ते के लिए बंद हुई गोरखपुर की हृदयस्‍थली

गोरखपुर, जेएनएन। 13 साल बाद पहली बार हो रहा है जब गोलघर एक हफ्ते बंद रहेगा। शहर की हृदय स्‍थली कहा जाने वाला गोलघर इससे पहले तब एक हफ्ते से ज्‍यादा समय तक बंद था जब तत्‍कालीन सांसद योगी आदित्‍यनाथ (अब मुख्‍यमंत्री) को मंडलीय कारागार भेजा गया था। उस समय व्‍यापारियों ने एलान किया था कि जब तक योगी आदित्‍यनाथ को रिहा नहीं किया जाएगा, गोलघर बंद रहेगा। अब कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम करने के लिए गोलघर को बंद किया गया है।

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वर्ष 2007 में सांसद योगी आदित्‍यनाथ के जेल जाने के बाद बंद हुआ था गोलघर

वर्ष 2007 में तत्‍कालीन गोरक्षपीठ के उत्‍तराधिकारी और सदर सांसद योगी आदित्‍यनाथ को प्रशासन ने जेल भेजा था। उनके साथ हिंदू युवा वाहिनी और भाजपा के कई कार्यकर्ता भी जेल गए थे। योगी को जेल भेजने की जानकारी जैसे ही व्‍यापारियों को हुई तो उन्‍होंने विरोध शुरू कर दिया। व्‍यापारी नेता और अब महापौर सीताराम जायसवाल के नेतृत्‍व में व्‍यापारियों ने गोलघर बंद कर दिया। गोलघर तभी खुला जब योगी आदित्‍यनाथ रिहा हो गए।

वर्ष 2007 में शासन के दबाव में प्रशासन ने योगी आदित्‍यनाथ को जेल भेज दिया था। गोरक्षपीठ ने न सिर्फ समाज हित के लगातार कार्य किए वरन व्‍यापारियों को सुरक्षा भी यहीं से मिलती रही। जैसे ही व्‍यापारियों को जानकारी हुई तो सभी ने एक स्‍वर में प्रशासन के गलत निर्णय का विरोध शुरू कर दिया। तय हुआ कि जब तक योगी आदित्‍यनाथ रिहा नहीं होंगे तब तक गोलघर नहीं खुलेगा। सभी व्‍यापारियों ने एकजुटता दिखाते हुए प्रशासन के निर्णय को गलत साबित किया। प्रशासन को योगी आदित्‍यनाथ को रिहा करना पड़ा। - सीताराम जायसवाल, तत्‍कालीन व्‍यापारी नेता, वर्तमान में महापौर

कुछ लोगों ने वर्ष 2007 में दो लोगों की हत्‍या कर शहर के शांत वातावरण को अशांत करने की कोशिश की। गोरक्षपीठ के उत्‍तराधिकारी व सांसद योगी आदित्‍यनाथ मृतकों के परिजनों को सांत्‍वना देने के लिए जा रहे थे। समाजवादी पार्टी के तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव के इशारे पर प्रशासन ने उन्‍हें बिना किसी आधार गिरफ्तार कर लिया। उस समय प्रशासन ने गोरक्षपीठ और योगी आदित्‍यनाथ से जुड़े लोगों पर खूब जुल्‍म किए लेकिन लोगों के श्रद्धा व विश्‍वास को डिगा न सके। आखिर में जीत सत्‍य की हुई और योगी जी बाइज्‍जत रिहा हुए। - विष्‍णु शंकर श्रीवास्‍तव, तत्‍कालीन प्रतिनिधि योगी आदित्‍यनाथ, वर्तमान में संयोजक गोरक्षनाथ पूर्वांचल विकास मंच।


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