गोरखपुर महोत्सव : कद्रदान बाहर भटकते रहे, अंदर खाली रहीं कुर्सियां Gorakhpur News
गोरखपुर महोत्सव में एक तरफ पास के तलबगार तरस रहे थे तो दूसरी तरफ आधी वीआइपी सीटों पर कोई बैठने वाला नहीं था।
गोरखपुर, जेएनएन। इसे बदइंतजामी कहें या मनमानापन, गोरखपुर महोत्सव के पहले दिन मुख्य आयोजन स्थल गोरखपुर विश्वविद्यालय के क्रीड़ा परिसर में शनिवार को एक तरफ पास के तलबगार तरस रहे थे तो दूसरी तरफ आधी वीआइपी सीटों पर कोई बैठने वाला नहीं था। यह स्थिति दिन में ही नहीं बल्कि शाम को बालीवुड नाइट में भी देखने को मिली। इस कार्यक्रम में मशहूर गायिका अलका याज्ञनिक भी अपनी प्रस्तुति दे रही थीं। कुछ लोग व्यवस्था पर सवाल उठा रहे थे तो कुछ प्रशासनिक अधिकारियों को जमकर कोस रहे थे।
दरअसल, यह दिक्कत पास वितरण को लेकर प्रशासनिक र्दुव्यवस्था के चलते आई। लोग पास को लेकर दर-दर भटकते रहे लेकिन उन्हें हर जगह से निराशा हाथ लगी। जिन्हें मिला वह कार्यक्रम देखने पहुंचे ही नहीं। इस खेल में वीआइपी दीर्घा की करीब एक से डेढ़ हजार कुर्सियां खाली रह गईं। र्दुव्यवस्था की पोल तब और खुल गई जब बालीवुड नाइट के मंच पर अलका याज्ञनिक जैसी मशहूर गायिका के रहने के बावजूद ये सीटें नहीं भर सकीं। आगे और पीछे दर्शकों की भीड़ को बीच की खाली सीटें मुंह चिढ़ाने का काम कर रही थीं, जिसका आक्रोश उनके चेहरे पर साफ दिख रहा था।
सिनेमाहालों में फिल्में देख रोमांचित हुए बच्चे
गोरखपुर महोत्सव के अंतर्गत शनिवार को विभिन्न सिनेमा हालों में आयोजित बाल फिल्मोत्सव में परिषदीय विद्यालयों के चार हजार से अधिक बच्चे फिल्में देख रोमांचित हुए। अधिकांश ब'चे पहली बार सिनेमाहाल में फिल्म देखने आए थे। ब'चों के एक समूह ने हॉल का पर्दा देख कहा- अरे! इतनी बड़ी टीवी। पहले दिन कुल 4268 ब'चों ने फिल्में देखी।
मुख्य अतिथि नगर विधायक डॉ. मोहन दास अग्रवाल ने न केवल बच्चों के साथ बैठकर फिल्म देखी बल्कि उनके अनुभवों से भी रूबरू हुए। बच्चों ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि इतने बड़े पर्दे पर वह पहली बार फिल्म देख रहे हैं। इस दौरान स्व'छता, शिक्षा जागरूकता व लैंगिंग समानता का संदेश देने वाली फिल्में प्रदर्शित की गईं। ब'चों को विभाग द्वारा लंच पैकेट व स्नैक्स प्रदान किया गया। इसके अलावा ब'चों ने नक्षत्रशाला के शो भी देखे और रेल म्यूजियम का भ्रमण किया। कार्यक्रम में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह, जिला समन्वयक (सर्व शिक्षा अभियान) विवेक जायसवाल आदि का सहयोग रहा।
बहुत आनंद आया
सिटी मॉल में फिल्म देखने पहुंची प्राथमिक विद्यालय करमडिया नवी की छात्राओं- सुंदरी, रीतू, निधि, रीना व अनुष्का ने कहा कि पहली बार सिनेमा हाल में फिल्म देखने का मौका मिला, बहुत आनंद आया। इतने बड़े पर्दे पर पहली बार फिल्म देखी। ये बच्चे फिल्म 'छोटा भीम' देखकर बाहर निकले थे।