गोरखपुर के डीएम की बड़ी कार्रवाई, गैंगस्टर रणधीर सिंह की 60 करोड़ की संपत्ति पर लगेगा ताला
गोरखपुर के डीएम विजय किरन आनन्द ने गैंगस्टर रणधीर सिंह की 60 करोड़ की कुर्क संपत्ती पर ताला लगाने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई पहले से चल रहे मुकदमे में हुई है। जिलाधिकारी ने कुर्क संपत्ती पर ताला लगाने के साथ ही कब्जे में लेने का आदेश दिया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर के डीएम विजय किरन आनन्द ने गैंगस्टर रणधीर सिंह की 60 करोड़ की कुर्क संपत्ती पर ताला लगाने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई पहले से चल रहे मुकदमे में हुई है। पूर्व जिलाधिकारी के. वियजेंद्र पांडियन ने पूरी संपत्ती को कुर्क कर दिया था। लेकिन एक सप्ताह बाद रखरखाव के लिए ताला खोल दिया था। राहत मिलने पर रणधीर सिंह ने मनमानी शुरु कर दी थी। जिलाधिकारी ने तहसीलदार सदर व शाहपुर थानेदार को कुर्क संपत्ती पर ताला लगाने के साथ ही अपने कब्जे में लेने का आदेश दिया है।
तहसीलदार व शाहपुर थानेदार को दिया ताला लगाने का आदेश
शाहपुर के एचएन सिंह चौराहे पर रणधीर सिंह का रुद्रा होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज हाल व काम्पलेक्स है। इसके अलावा गलत तरीके से संपत्ति अर्जित कर उसने शहर में कई जगह जमीन भी खरीदी है।गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज होने पर सात माह पहले तत्कालीन डीएम ने रणधीर सिंह की 72 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ती जब्त कर दी।एक सप्ताह बाद रखरखाव के लिए प्रशासन ने होटल, रेस्टोरेंट व दुकानों पर लगा ताला खोल दिया। लेकिन कुर्की का आदेश वापस नहीं लिया। रख रखाव की जिम्मेदारी मिलने के बाद रणधीर ने होटल, रेस्टोरेंट व मैरिज हाल की बुकिंग शुरु कर दी।
दिव्यनगर में पिता के बनवाए मकान पर नहीं लगेगा ताला
संपत्ती कुर्क होने के बाद भी निर्माण कार्य शुरु कर दिया।स्थानीय महिला की शिकायत पर जिलाधिकारी विजय किरन आनन्द ने रणधीर को नाेटिस भेजकर आय का स्त्रोत पूछने के साथ ही निर्माण कार्य रोकने को कहा।लेकिन उसने नोटिस का जवाब नहीं दिया और निर्माण कार्य भी जारी रखा।जानकारी होने पर जिलाधिकारी ने पूर्व में हुई कार्रवाई की समीक्षा करते हुए दिव्यनगर में स्थित रणधीर सिंह के पुस्तैनी मकान को छोड़कर फिर से पूरी संपत्ती कुर्क कर दी है।तहसीलदार सदर व शाहपुर थानेदार को आदेश दिया है कि कुर्क संपत्ती पर तत्काल ताला लगा दें।
राहत मिलने पर शुरु कर दी थी मनमानी
27 अप्रैल 2021 को रणधीर सिंह के रुद्रालान,रेस्टोरेंट व काम्पलेक्स को गैंगस्टर एक्ट में जब्त किया गया था।आदेश के खिलाफ वह कोर्ट चला गया।सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी लेकिन जब्त संपत्ती के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया।बाद में तत्कालीन जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने संपत्ती का रखरखाव करने के लिए ताला तो खोलवा दिया लेकिन कुर्की का आदेश बरकरार रखा। कोर्ट व प्रशासन से राहत मिलने के बाद रणधीर ने मनमानी शुरु कर दी।होटल, रेस्टोरेंट चालू करने के साथ ही निर्माण कार्य शुरु करा दिया।