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रोहित बेमुला की श्रद्धांजलि सभा में लगाए गए सामाजिक विद्वेष फैलाने वाले नारे, मुकदमा दर्ज

गोरखपुर में रोहित बेमुला के श्रद्धांजलि सभा के दौरान सामाजिक विद्वेष फैलाने वाले नारे लगाए गए थे। एक राहगीर ने इन नारों को सुना था और कैंट पुलिस में तहरीर दी है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 12:10 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 08:00 PM (IST)
रोहित बेमुला की श्रद्धांजलि सभा में लगाए गए सामाजिक विद्वेष फैलाने वाले नारे, मुकदमा दर्ज
गोरखपुर में रोहित बेमुला की श्रद्धांजलि सभा में सामाजिक विद्वेष फैलाने वाले लगाए गए। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर विश्वविद्यालय गेट पर रोहित बेमुला के श्रद्धांजलि सभा के दौरान सामाजिक विद्वेष फैलाने वाले नारे लगाए गए थे। एक राहगीर ने इन नारों को सुना था और कैंट पुलिस में तहरीर दी है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मंजेश कुमार, सुरेंद्र बाल्मीकी, कन्हैया यादव, श्रीराम राव, आकाश पासवान, चंद प्रसाद यादव समेत 15 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

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नारेबाजी का वीडियो हुआ वायरल

16 जनवरी को गोविवि गेट पर रोहित बेमुला के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। इस दौरान छात्रों के अलावा कुछ संगठन के ‌लोग भी मौजूद थे। श्रद्धांजलि सभा के दौरान इन लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। जिससे सामाजिक शांति को खतरा पहुंच सकता था। इन नारों को वहां से गुजर रहे राहगीर सतीश ने सुना और इसकी सूचना पुलिस को दी। उन्‍होंने नारेबाजी का वीडियो भी उपलब्‍ध कराया।

पुलिस ने शुरू की जांच

सतीश की तहरीर पर कैंट पुलिस ने नारेबाजी करने वाले छह लोगों के अलावा उनके 15 अज्ञात साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। डीआइजी/एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है। साक्ष्‍य के आधार पर कार्रवाई होगी। किसी को भी सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की छूट नहीं दी जाएगी।

अराजक छात्रों को दी जाएगी कारण बताओ नोटिस

बिना किसी ठोस वजह या समस्या के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का घेराव करने वाले, मुख्य द्वार पर ताला लगाने वाले और हंगामा करने वाले अनुशासनहीन विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने सबक सिखाने का निर्णय लिया है। ऐसे विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। यही नहीं, जिन विद्यार्थियों को चार बार कारण बताओ नोटिस जारी हो जाएगए, उनकी स्कालरशिप, हास्टल जैसी सुविधाओं में कटौती कर दी जाएगी। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन संबंधित संकाय के अधिष्ठाता और विभागाध्यक्ष से संबंधित विद्यार्थियों की अनुशासनहीनता के बारे में जवाब मांगेगा। कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा है कि विश्वविद्यालय के हर विद्यार्थी की समस्या का निस्तारण विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष, अधीष्ठाता छात्र कल्याण और मुख्य नियंता द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। इसके पीछे विश्वविद्यालय प्रशासन की मंशा शिक्षा का उपयुक्त माहौल बनाने और छात्रहित में निर्णय लेने की है। बिना वजह सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाना एक अपराध है और इसके खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। 


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