पांच माह में आठ हजार रुपये सस्ता हुआ सोना, चांदी भी लुढ़की- यह है कारण
कोरोना संक्रमण कम होने के बाद सोना-चांदी कई माह बाद अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। लगन न होने के बावजूद सराफा बाजार में ग्राहकों की आवाजाही बढ़ गई है। पिछले कुछ दिनों में बिक्री भी बढ़ गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। पूरी दुनिया को हिला देने वाले कोविड-19 ने आम और खास के भरोसे की बहुमूल्य धातु सोना को भी नहीं बख्शा। कोरोना इफेक्ट ने संक्रमण काल में भी इसके भाव को आसमान तक पहुंचा दिया। और जैसे ही इस जानलेवा मर्ज की पकड़ ढीली पडऩी शुरू हुई सोने के दाम ने भी गोते मार दिए। पांच माह पूर्व रिकार्ड ऊंचाई पर अड़ा खड़ा सोना अब 49 हजार प्रति तोला के रेट से नीचे आ गया है। फलस्वरूप, लंबे समय तक सन्नाटे के आगोश में रहीं सराफा दुकानें ग्राहकों से गुलजार हो गईं हैं।
गुलजार हुआ सराफा बाजार
सोना-चांदी कई माह बाद अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। लगन न होने के बावजूद सराफा बाजार में ग्राहकों की आवाजाही बढ़ गई है। पिछले कुछ दिनों में बिक्री भी बढ़ गई है। जरूरत के साथ ही लोग निवेश के लिए भी खरीदारी कर रहे हैं। लोगों को उम्मीद है कि आने वाले कुछ महीनों में सोना-चांदी से बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सकेगा। लगातार सोने-चांदी के कीमतों के आसमानी बने रहने से लोगों को 49 हजार रुपए प्रति दस ग्राम की कीमत अब सस्ता लगने लगा है। जबकि चांदी 66 हजार रुपए प्रतिकिलो बिक रही है। अगस्त में सोना 57 हजार प्रति दस ग्राम तथा चांदी 76 हजार रुपए प्रतिकिलो बिकी थी। उस वक्त लााकडाउन जैसे हालात थे और कोरोना का खौफ भी। फिर दोनों महंगी धातुओं की कीमत उ'चस्तर पर पहुंच गई थी। हरी प्रसाद गोपी कृष्ण के वैभव सराफ ने बताया कि सोने-चांदी की चाल का अंदाजा लगाना अब सटीक नहीं रह गया है। कीमतों में कभी भी तेजी आ सकती है। यही सोचकर लोग इस समय खरीदारी कर रहे हैं। सोना-चांदी को लेकर बाजार में कयास है कि आने वाले दिनों में तेजी आएगी। आभूषण से लेकर सिक्कों तक की खरीदारी में इजाफा ही हो रहा है।
इन वजहों से सोने की कीमतों आया उतार-चढ़ाव
ज्वेलर योगेश अग्रवाल के अनुसार अगस्त में सोने का भाव 57 हजार रुपये तक गया था, लेकिन जल्द ही वापस 52 हजार के भाव में आ गया था। अचानक दाम बढऩे के पीछे कई वजह मानी जा रही है। अगस्त में कोरोना अपने पीक पर था और कई देशों के बीच ट्रेड वार शुरू हो गया था। ऐसे में कई देशों को अपनी मुद्रा गिरने का डर सताने लगा था। ऐसे में उन्होंने सुरक्षित रास्ता अपनाते हुए अपनी करेंसी को सोने में तब्दील किया। ज्वेलर योगेश अग्रवाल ने बताया कि कोविड-19 की वैक्सीन बाजार में आने और अमेरिका में सत्ता परिर्वतन के बाद ट्रेड वार की संभावना खत्म होते ही सोने का भाव टूटने लगा। सोना इकट्ठा करने वाले देशों ने सोना वापस इंटरनेशनल मार्केट में बेचना शुरू कर दिया। इससे बाजार में सोने का फ्लो बढ़ा और डिमांड कम हुई। इसके अलावा शेयर बाजार के गिरने और चढऩे का थोड़ा-बहुत असर सोने के कीमतों पर पड़ा।
पिछले पांच माह में सोने-चांदी के अधिकतम मूल्य
सोना दस ग्राम चांदी किलो
अगस्त : 57008 77840
सितंबर : 51750 63200
अक्टूबर : 52100 65200
नवंबर : 52325 67000
दिसंबर : 50375 65000