गोरखपुर के फर्जी शिक्षकों को बचा रहे खंड शिक्षा अधिकारी, बीएसए लाचार
नपद में फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी के मामले में शिकायत के आधार पर पिछले दो वर्षों में 76 शिक्षकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई हो चुकी है। बीएसए के बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद खंड शिक्षाधिकारियों ने एफआइआर नहीं कराई।
गोरखपुर, जेएनएन। बर्खास्त शिक्षकों पर एफआइआर दर्ज कराने के मामले में बीएसए के आदेश पर खंड शिक्षाधिकारियों की मनमानी भारी पड़ रही है। दिसंबर माह के अंत में जनपदीय जांच समिति की बैठक में तीन दिन का समय दिए जाने के बाद भी अभी तक चार ब्लाकों पिपराइच, चरगांवा, पिपरौली, उरुवा बीईओ ने अपने-अपने ब्लाकों के आधा दर्जन से अधिक बर्खास्त शिक्षकों पर एफआइआर दर्ज नहीं कराया है। इस मामले में खफा बीएसए ने जनवरी माह से अग्रिम आदेश तक संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों वेतन बाधित कर दिया है। बर्खास्त फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर नहीं दर्ज कराने पर अड़े खंड शिक्षा अधिकारियों पर अब और कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।
दो वर्ष में 76 शिक्षक हो चुके हैं बर्खास्त
जनपद में फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी के मामले में शिकायत के आधार पर पिछले दो वर्षों में 76 शिक्षकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई हो चुकी है। बीएसए के बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद खंड शिक्षाधिकारियों ने इन शिक्षकों पर मुकदमे की कार्रवाई को लेकर शुरू में रुचि नहीं दिखाई। बाद में इनमें से अधिकांश शिक्षकों पर एफआइआर तो दर्ज हो गया, लेकिन अभी भी चार ब्लाकों के आधा दर्जन से अधिक बर्खास्त शिक्षकों पर बीईओ की शिथिलता से एफआइआर दर्ज होना शेष है।
चेतावनी के बाद भी मुकदमा न करने पर अड़े हैं बीईओ
दिसंबर माह के अंत में जब बीएसए ने जनपदीय जांच समिति की बैठक में खंड शिक्षाधिकारियों को एफआइआर को लेकर सख्ती दिखाते हुए वेतन बाधित करते हुए तीन दिन का समय दिया तो बड़हलगंज, गोला, जंगल कौडिया के बीईओ ने अपने- अपने ब्लाकों के बर्खास्त शिक्षकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराकर बीएसए को रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन पिपराइच, चरगांवा, पिपरौली व उरुवा के बीईओ अभी भी एफआइआर को लेकर चुप्पी साधे हैं। बीएसए बीएन सिंह ने कहा कि बार-बार निर्देश के बाद भी चार ब्लाक के बीईओ ने बर्खास्त शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज नहीं कराया है। अगले आदेश तक उनका वेतन बाधित कर दिया गया है।