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गोरखपुर-बस्ती मंडल को मिले 15.5 करोड़, कोरोना से जंग में होंगे खर्च Gorakhpur News

धनराशि का आवंटन ए एवं बी श्रेणी के जिलों के आधार पर किया गया है। अधिक संक्रमण वाले जिलों को ए जबकि अपेक्षाकृत कम संक्रमण वाले जिलों को बी श्रेणी में रखा गया है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 05:09 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 05:09 PM (IST)
गोरखपुर-बस्ती मंडल को मिले 15.5 करोड़, कोरोना से जंग में होंगे खर्च Gorakhpur News
गोरखपुर-बस्ती मंडल को मिले 15.5 करोड़, कोरोना से जंग में होंगे खर्च Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना पर नियंत्रण को लेकर किए जा रहे प्रयासों को बल देने के लिए शहरी एवं स्थानीय निकायों की ओर से मिलने वाले राज्य वित्त के बजट की 50 फीसद धनराशि मिल गई है। इसके तहत गोरखपुर एवं बस्ती मंडल के सात जिलों को 15.5 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। धनराशि का आवंटन ए एवं बी श्रेणी के जिलों के आधार पर किया गया है। अधिक संक्रमण वाले जिलों को ए जबकि अपेक्षाकृत कम संक्रमण वाले जिलों को बी श्रेणी में रखा गया है।

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गोरखपुर सहित ए श्रेणी के पांच जिलों को मिले ढाई-ढाई करोड़

राज्य वित्त के तहत सभी जिलों को कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए करीब 598 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त की जानी है। इसके तहत 50 फीसद यानी 299 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। ए श्रेणी में आने वाले प्रदेश के 37 जिलों के लिए पांच-पांच करोड़ जबकि बी श्रेणी के 38 जिलों के लिए तीन-तीन करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। गोरखपुर-बस्ती मंडल के पांच जिले गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, सिद्धार्थनगर व महराजगंज ए श्रेणी में हैं। यहां ढाई-ढाई करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

बी श्रेणी के दो जिलों के हिस्से आए डेढ़-डेढ़ करोड़

बी श्रेणी में बस्ती व संतकबीरनगर जिले में डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। डीपीआरओ हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि आवंटित धनराशि में से 50 फीसद रकम जिले को मुहैया करा दी गई है। शेष धनराशि भी जल्द आने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इस धनराशि का उपयोग सर्विलांस, सैंपङ्क्षलग आदि कार्यों के लिए किया जा सकेगा। ए श्रेणी के जिले अधिकतम 15 और बी श्रेणी के जिले अधिकतम 10 वाहन किराए पर ले सकेंगे। इसके साथ ही डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ, स्वीपर भी संविदा पर रखे जा सकेंगे। इन कार्यो के लिए मुख्यालय से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि जिला स्तरीय समिति निर्णय ले सकेगी। 


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