गोरखनाथ व देवीपाटन मंदिर बनेंगे पर्यटन स्थल, 25 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र को भेजा
गोरखनाथ मंदिर और बलरामपुर जिले के देवीपाटन मंदिर के प्रति बढ़े रुझान को देखते हुए पर्यटन विभाग इन मंदिरों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी कर रहा है।
गोरखपुर, (जेएनएन)। आध्यात्मिक पर्यटकों में गोरखनाथ मंदिर और बलरामपुर जिले के देवीपाटन मंदिर के प्रति बढ़े रुझान को देखते हुए पर्यटन विभाग इन मंदिरों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी कर रहा है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत इसके लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय की संस्तुति मिल चुकी है। विभाग ने दोनों मंदिरों के लिए 25 करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए संस्कृति मंत्रालय को भेजा है। पर्यटन विभाग को अब धन की स्वीकृति का इंतजार है।
गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इन दोनों ही आध्यात्मिक पीठ के प्रति पर्यटकों का आकर्षण बढ़ा है। दोनों ही मंदिरों में दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद में तेजी से इजाफा हुआ है। वजह साफ है, दोनों पीठ के पीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी ही हैं। इसे देखते हुए पर्यटन विभाग ने इन स्थलों पर पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई है, जिससे उन्हें मंदिर परिसर में आने के बाद किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। विभाग ने इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने की केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय से अनुमति मांगी। बीते दिनों जब इसे लेकर अनुमति मिल गई तो विभाग ने तत्काल इसका प्रोजेक्ट तैयार कराया। गोरखनाथ मंदिर के लिए 16 करोड़ से अधिक का और देवीपाटन मंदिर के लिए नौ करोड़ से अधिक का प्रोजेक्ट तैयार कराया गया और उसे बीते सप्ताह दोनों ही मंत्रालयों को प्रेषित कर दिया गया।
पर्यटकों की सुविधा के लिए बनाया जाएगा आश्रय स्थल
प्रोजेक्ट में दोनों ही मंदिर परिसर में एक-एक पर्यटक आश्रय स्थल बनाए जाने का प्रस्ताव है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को प्राथमिक सुविधाओं के लिए भटकना न पड़े। इस आश्रय स्थल में हर वह सुविधा उपलब्ध होगी, जो एक-दो दिन के ठहराव के लिए जरूरी है। इसके अलावा परिसर में टायलेट ब्लॉक, यात्री शेड, पेयजल स्टैंड पोस्ट, पाथ-वे, सोलर ट्यूबवेल आदि का निर्माण कराया जाएगा।
पर्यटन स्थलों की जानकारी देगा टूरिस्ट फेसिलिटी सेंटर
प्रोजेक्ट के तहत दोनों ही मंदिर परिसर में टूरिस्ट फेसिलिटी सेंटर की स्थापना भी होगी। इस सेंटर से मंदिर आने वाले पर्यटकों को आसपास के पर्यटन स्थलों की जानकारी हासिल हो सकेगी। साथ ही यह सेंटर पर्यटकों को आसपास होटल और ट्रेवेल एजेंसियों की जानकारी भी उपलब्ध कराएगा।
गोरखपुर के क्षेत्रीय पर्यटन अध्ािकारी रवींद्र कुमार मिश्र ने बताया कि गोरखनाथ मंदिर और देवीपाटन मंदिर के प्रति पर्यटकों के बढ़े आकर्षण को देखते हुए दोनों ही स्थलों को पयर्टन स्थल के रूप में विकसित करने का फैसला लिया गया है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत प्रस्ताव बनाकर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को भेजा गया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही इसे लेकर प्रक्रिया को जल्द से जल्द आगे बढ़ाया जाएगा।