गोरखपुर में आयुष्मान योजना में 50 हजार से अधिक लोगों के नहीं बने गोल्डेन कार्ड Gorakhpur News
जिले में आयुष्मान भारत योजना के 2.99 लाख व मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के 7355 लाभार्थी परिवार हैं। कुल 2.5 लाख लोगों को गोल्डेन कार्ड दिया जा चुका है।
गोरखपुर, जेेेेेेएनएन। तीन लाख से अधिक लोगों केे नाम आयुष्मान भारत योजना की सूची में है, इनमें से 50 हजार से अधिक लोगों को स्वास्थ्य विभाग खोज नहीं पाया है और न ही उन्होंने स्वयं अपना गोल्डेन कार्ड बनवाने की कोशिश की। गोल्डेन कार्ड न होने से लाभार्थी जरूरत पडऩे पर इस योजना के तहत मिलने वाले पांच लाख रुपये तक के निश्शुल्क इलाज के लाभ से वंचित हो जाएंगे।
कार्ड बनने पर ही मिलेगा लाभ
कार्ड बनने की वजह से पिपराइच के गोपालपुर निवासी धर्मेंद्र चौधरी की पत्नी सुजाता की पथरी का ऑपरेशन निश्शुल्क हुआ। खोराबार के जंगल अयोध्या प्रसाद गांव की इंद्रावती की 15 हजार रुपये की सर्जरी निश्शुल्क हुई। यदि इनके पास गोल्डेन कार्ड नहीं होता तो इसे यह लाभ नहीं मिलता अथवा मिलने में विलंब होता।
सिर्फ 30 रुपयेे मेंं बन रहा कार्ड
जिन लोगों का योजना की सूची में नाम हो वह सहज जन सेवा केंद्र से महज 30 रुपये देकर कार्ड बनवा सकते हैं। कार्ड योजना से संबद्ध अस्पतालों में निश्शुल्क भी बन जाता है। लेकिन वहां से सादे पन्ने पर प्रिंट होकर मिलता है। यदि कार्ड नहीं बना है तो इलाज के दौरान कार्ड बनवाने व जांच में काफी समय लग जाता है, जिससे इलाज शुरू होने में विलंब होता है। कार्ड पास में हो तो इलाज तुरंत शुरू हो जाता है।
गोल्डेन कार्ड के आवश्यक दस्तावेज
मूल राशन कार्ड (अनिवार्य) -मूल आधार कार्ड (अनिवार्य), मतदाता पहचान पत्र (अनिवार्य) है।
ढूढनेे का किया जा रहा प्रयास
जिले में आयुष्मान भारत योजना के 2.99 लाख व मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के 7355 लाभार्थी परिवार हैं। कुल 2.5 लाख लोगों को गोल्डेन कार्ड दिया जा चुका है। जिनके गोल्डेन कार्ड नहीं बन पाए हैं, उन्हें ढूंढऩे का प्रयास किया जा रहा है। -डॉ. एनके पांडेय, नोडल अधिकारी