कुंभ का महात्म्य बताएगी गीताप्रेस की पुस्तिका, बिक चुकी हैं एक लाख से अधिक प्रतियां
गीताप्रेस ने महाकुंभ पर पुस्तिका प्रकाशित की है। इसमें देश में चार स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक व उज्जैन में हर 12 साल पर लगने वाले महाकुंभ के बारे में जानकारी दी गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। गीताप्रेस ने महाकुंभ पर पुस्तिका प्रकाशित की है। इसमें देश में चार स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक व उज्जैन में हर 12 साल पर लगने वाले महाकुंभ व उस स्थान के माहात्म्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। हालांकि यह पुस्तिका लगभग 20 साल पहले प्रकाशित की गई थी, लेकिन जब भी कुंभ पड़ता है तो इसका नया संस्करण निकलता है। इस बार आठवां संस्करण उपलब्ध कराया गया है। अब तक इस पुस्तिका की 105000 प्रतियां बिक चुकी हैं। पुस्तिका का नाम 'महाकुंभ पर्व' है, जिसका मूल्य पांच रुपये है।
इन विषयों पर है चर्चा
पुस्तक 'महाकुंभ पर्व' में महाकुंभ और उसका माहात्म्य, अमृत कुंभ की अवधारणा, स्वरूप व प्रार्थना मंत्र, कुंभोत्पत्ति की अमर कथा, कुंभ पर्व का उद्देश्य व आध्यात्मिक रहस्य, भगवान शंकराचार्य, पूर्णकुंभ व अर्धकुंभ, कुंभ पर्व के स्नान दिन, कुंभ स्नान की विधि एवं दान का महत्व, हरिद्वार, प्रयाग, अवंतिका (उज्जैन) व नासिक माहात्म्य के बारे में जानकारी दी गई है।
गीताप्रेस के उत्पाद प्रबंधक लालमणि तिवारी ने कहा कि महाकुंभ व अर्धकुंभ मनुष्य मात्र के लिए कल्याणकारी है, इसलिए गीताप्रेस ने 'महाकुंभ पर्व' पुस्तिका प्रकाशित कर कुंभ के माहात्म्य और महत्व को आम जन तक पहुंचाने की कोशिश की है, जिससे लोग कुंभ का लाभ ले सकें। साथ ही इसके बारे में जानकारी हासिल कर सकें।