आलू व सरसों की फसल से खाली हुए खेत में करें मूंग और उड़द की बोआई
कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के वैज्ञानिक डा. एसके तोमर बताते हैं कि सरसों या आलू की फसल से खाली हुए खेत की दो बार जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी बना लेनी चाहिए। इसके बाद ही मूंग उड़द या सूरजमुखी के उन्नत बीज की बुआई करनी चाहिए।
गोरखपुर, जेएनएन। सरसों और आलू की फसल से खाली हुए खेत में किसान भाई मूंग, उड़द और सूरजमुखी की खेती कर दोहरा लाभ कमा सकते हैं। इसके लिए उस खेत का चयन करें जिसमें जल जमाव न होता हो और पानी की निकासी आसानी से हो जाए। किसान भाइयों को इनकी जल्दी बोआई करनी चाहिए। जिससे बारिस का मौसम शुरू होने से पहले ही फसल तैयार हो जाए। ताकि बारिस से होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
ऐसे करें खेत की तैयारी
कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के वैज्ञानिक डा. एसके तोमर बताते हैं कि सरसों या आलू की फसल से खाली हुए खेत की दो बार जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी बना लेनी चाहिए। इसके बाद ही मूंग, उड़द या सूरजमुखी के उन्नत बीज की बुआई करनी चाहिए। इन फसलों की बोआई के लिए फरवरी के मध्य तक काफी उपयुक्त होता है। एक कतार में बोआई करने से सिंचाई में सुविधा होती है। कतार से कतार के बीच की दूरी 25 से 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए तथा पौधे से पौधे से के बीच की दूसरी चार से पांच सेंटीमीटर रखनी चाहिए। प्रति हेक्टेयर में मूंगा और सूरजमुखी का 25 किग्रा तथा उड़द का 20 किग्रा बीज इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
उपयुक्त मात्रा में करें खाद व रसायन का प्रयोग
मूंग, उड़द और सूरजमुखी की अच्छी पैदावार पाने के लिए किसान भाइयों को उपयुक्त मात्रा में ही खाद बीज का इस्तेमाल करना चाहिए। तीनों फसलों की बोआई के समय 100 किग्रा बीएपी खाद का प्रति हेक्टेयर के दर से प्रयोग करना चाहिए। खर-पतवार उगने से रोकने के लिए 3.3 लीटर पैडी मिथिलिन को 600 लीटर पानी में घोल कर बोआई से 48 घंटे के अंदर स्प्रे करना चाहिए।
उन्नत श्रेणी के बीज का करें प्रयोग
कृषि वैज्ञानिक डा. एसके तोमर बताते हैं कि मूंग, उड़द और सूरजमुखी की बोआई करने वाले किसानों को उन्नत श्रेणी के बीजों का ही चयन करना चाहिए। इससे पैदावार तो अ'छी मिलती ही है, कई तरह के रोगों से भी फसलें सुरक्षित रहती हैं। उनके मुताबिक मूंग की अ'छी पैदावार पाने के लिए आइपीएम 2-3, नरेंद्र मूंग - 1, सम्राट और मेहा बीज का इस्तेमाल करना चाहिए। पंत उड़द 31, नरेंद्र उड़द - 1, उड़द - 1, पंत उड़द - 19, पंत उड़द - 35 और शेखर प्रजाति का बीज उड़द की खेती के लिए बेहतर है। सूरजमुखी की खेती करने वाले किसानों को सूर्या, माडर्न या फिर आवर्ड प्रजाति का बीज इस्तेमाल करना चाहिए।