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इस चीनी मिल में बिजली का भी उत्‍पादन,होगी प्रतिदिन 8.60 लाख की आय Gorakhpur News

चीनी मिल पिपराइच में लगभग 13 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है। 7.5 मेगावट पावर कार्पोरेशन को मिल बेच रही है जिससे प्रतिदिन 8.60 लाख रुपये की आय हो रही है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 11:17 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 01:00 PM (IST)
इस चीनी मिल में बिजली का भी उत्‍पादन,होगी प्रतिदिन 8.60 लाख की आय Gorakhpur News
इस चीनी मिल में बिजली का भी उत्‍पादन,होगी प्रतिदिन 8.60 लाख की आय Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। शुरुआती पेराई के दौरान चीनी मिल पिपराइच में लगभग 13 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है। 7.5 मेगावट पावर कार्पोरेशन को मिल बेच रही है, जिससे प्रतिदिन 8.60 लाख रुपये की आय हो रही है।

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पूरी क्षमता से पेराई होने पर बिजली उत्‍पादन बढ़ेगा

मिल के चीफ इंजीनियर अजय श्रीवास्तव ने बताया जब मिल पूरी क्षमता से पेराई करने लगेगी तो बिजली उत्पादन बढ़कर 27 मेगावट हो जाएगा। 20 मेगावट  बिजली (यानि 48000  यूनिट प्रतिदिन बिजली) पैदा की जाएगी जिसे बेचकर मिल को 22 लाख 94 हजार 400 रुपये की आय होगी। यह आय बिजली विक्रय मूल्य 4.78 प्रति यूनिट के हिसाब से जोड़ पर आधारित है। उत्पादित बिजली पावर ग्रिड को हाटा कुशीनगर विद्युत सब स्टेशन के माध्यम से बेची जाएगी।

ऐसे पैदा हो रही है बिजली

चीनी मिल पिपराइच के मुख्य अभियंता अजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया चीनी मिल चलाने व गन्ना पेराई कार्य में पावर महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि यह मिल अत्यंत मार्डन तकनीक पर स्थापित की गई है, जिसे फ्यूल (बगास) का खपत ब्वायलर में न्यूनतम होगा। जीरो लिक्विड डिस्चार्ज वाली यह मिल बगास पर आधारित है। बगास को ब्वायलर में जलाकर भाप यानी स्टीम पैदा की जाएगी। टरबाइन अल्टरनेटर के माध्यम से बिजली पैदा करती है।

अब तक 1.16 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई

उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम लिमिटेड की इकाई पिपराइच ने सात दिन में एक लाख 16 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई कर मात्र पांच हजार क्विंटल चीनी तैयार की है। मिल के जीएम जितेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया  28 नवंबर की रात नौ बजे से मिल ने पेराई शुरू की है। बीच में कई दिनों तक मिल को नो केन हो जाने से बंद रखना पड़ा। बुधवार से गन्ना तेजी से आना शुरू हुआ है। चीफ केमिस्ट अंबिका प्रसाद ने बताया कि बार- बार मिल नो केन बंद होने से चीनी की रिकवरी खराब आई है।

शोध केंद्र के लिए भूमि क्रय की बाधाएं खत्म

गन्ना शोध संस्थान की पुर्नस्थापना में आ रही सभी तरह की बाधाएं दूर कर ली गई है। माह के अंत तक भूमि क्रय की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। यह जानकारी उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के निदेशक जे. सिंह ने दी। बता दें शासन से चार माह पहले भूमि क्रय के लिए उन्तीस करोड़ रुपये अवमुक्त किया था। बाद में स्थानीय प्रशासन स्टाम्प शुल्क के मद में 1.70 करोड़ की आवश्यकता बताने पर पुन: शासन से अनुमति के लिए पत्र विभाग और डीएम के स्तर से शासन को दिया गया था। गत दिनों मिल उद्घाटन के दौरान आए प्रमुख सचिव के समक्ष भी किसानों ने यह मुद्दा रखा था। स्थानीय केंद्र प्रभारी मुन्ना शाही ने बताया कि रिठियां, पिपराइच, हरखापुर तीन गांवों के लगभग पौने चार सौ किसानों ने अपनी जमीन संस्थान को देने के लिए दो वर्ष से पहले ही अनुबंध कर लिया था। आगे की प्रक्रिया के लिए जिला प्रशासन की मदद से भूमि की पैमाइश व सीमांकन का कार्य शीघ्र शुरू कर दिया जाएगा। 


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