जीडीए सुलझाएगा भाई-भाई का विवाद, बंटवारे के बाद एक भूखंड पर पास होंगे एक से अधिक नक्शे
जीडीए एवं निजी विकासकर्ता की ओर से विकसित की जाने वाली ले आउट अनुमोदित परियोजनाओं में एक भूखंड पर एक से अधिक मानचित्र पास कराने की सुविधा मिल सकती है। इसके लिए जीडीए उपविभाजन का प्रस्ताव मंगलवार को होने वाली जीडीए बोर्ड की बैठक में शामिल कर रहा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) एवं निजी विकासकर्ता की ओर से विकसित की जाने वाली ले आउट अनुमोदित परियोजनाओं में एक भूखंड पर एक से अधिक मानचित्र पास कराने की सुविधा मिल सकती है। इसके लिए जीडीए ऐसी परियोजनाओं में भूखंडों के उपविभाजन का प्रस्ताव मंगलवार को होने वाली जीडीए बोर्ड की 120वीं बैठक में शामिल कर रहा है। मंडलायुक्त/अध्यक्ष जीडीए रवि कुमार एनजी की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली बोर्ड की बैठक से मंजूरी मिलने के बाद बड़ी बदलाव होगा और कई लोगों के लंबित मानचित्र पास हो सकेंगे। जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि बैठक मंगलवार को दोपहर बाद 3.30 बजे जीडीए सभागार में होगी।
अभी यह आती है समस्या
वर्तमान में यदि कोई एक भूखंड आवंटित कराता है या खरीदता है तो उसपर एक ही मानचित्र पास हो पाता है। कई बार एक भूखंड के दो या अधिक हिस्से कर अलग-अलग मकान बनाने की जरूरत महसूस की जाती है। यह स्थिति अधिकतर भाईयों के बीच में आती है। कभी-कभी एक व्यक्ति दो या अधिक लोगों को भूखंड के छोटे-छोटे हिस्से बेच देता है। एक ही भूखंड पर एक से अधिक मकान बनवाने के लिए मानचित्र पास नहीं हो पाता है। जीडीए में वर्तमान में ही 100 से अधिक मानचित्र लंबित हैं। कई ऐसे लोग भी हैं जो इस नियम के कारण आवेदन नहीं कर पाते हैं।
जीडीए या निजी विकासकर्ता विकसित योजनाओं में मिलेगी सुविधा
जीडीए उपाध्यक्ष के निर्देश पर शामिल किए जा रहे भूखंडों के उपविभाजन के प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने के बाद एक भूखंड के अलग-अलग हिस्से पर मानचित्र पास हो सकेंगे। इसके अतिरिक्त बोर्ड की बैठक में खुले स्थल (पार्क) का भू उपयोग बदलकर आवासीय किए जाने का प्रस्ताव भी शामिल किया जाएगा। अलोकप्रिय संपत्तियों को लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरह पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर आवंटन किया जाएगा। रामगढ़ताल योजना के अंतर्गत रिक्त भूखंडों पर बहुमंजिला इमारतों के निर्माण के प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त विकास प्राधिकरण उपविधि 2021 एवं माडल उपविधि 2021 सहित 19 प्रस्तावों पर चर्चा होगी।