आठ साल में भी आवंटियों को बिजली, पानी व सड़क नहीं दे पाया जीडीए Gorakhpur News
जीडीए के अधिकारी राप्तीनगर आवासीय योजना के भूखंड आवंटित कर उसमें विकास कार्य कराना भूल गए। यहां के आवंटी बीते आठ साल से अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। आवंटन के आठ साल बाद हाइकोर्ट से लड़कर भूखंड पर कब्जा पाने वाले गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की राप्तीनगर विस्तार योजना के आवंटी अब सड़क, बिजली व पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए दौड़ रहे हैं। आवंटियों ने एक बार फिर जीडीए पहुंचकर अधिकारियों को अपनी पीड़ा से अवगत कराया। उन्हें बताया गया कि सभी कार्यों के टेंडर मई में हो गए हैं, जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। लेकिन, एक महीने से वहां न तो टेंडर पाने वाले और न ही प्राधिकरण की ओर से कोई गया है।
केवल आश्वासन दे रहा है जीडीए
आवंटियों की पीड़ा है कि जीडीए केवल आश्वासन दे रहा है। 2009 में 825 लोगों को भूखंड आवंटित होने के बाद से वे दौड़ रहे हैं। पहले कब्जा नहीं मिला और 2017 में जब काबिज हुए तो सुविधाएं नहीं मिल रहीं। गुरुवार को आवंटियों के प्रतिनिधिमंडल ने जीडीए के सचिव रामङ्क्षसह गौतम से मिलकर उन्होंने अपनी व्यथा बताई। सवाल किया कि बिजली, पानी व सड़क नहीं रहेगी तो हम मकान कैसे बनाएंगे। सचिव ने कहा कि पानी की टंकी, बिजली जैसे सभी कार्यों के लिए करीब 10 से 12 करोड़ रुपए का टेंडर हो चुका है। राप्तीनगर विस्तार योजना आवंटी संघर्ष समिति के अध्यक्ष मधुसूदन ओझा ने बताया कि आज भी आश्वासन मिला है। चार जून को हम आए थे तब भी यही बताया गया था। एक सप्ताह के भीतर काम नहीं शुरू हुआ तो आवंटी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अगले गोरखपुर प्रवास के दौरान उन्हें अपनी पीड़ा बताएंगे। प्रतिनिधिमंडल में समिति के संरक्षक रमेश चंद गुप्ता, महामंत्री अशोक अस्थाना, सुनील गुप्ता राजेश कुमार तिवारी, हरी सहाय शुक्ला, डॉ आरके पांडेय, राजेश चौधरी, विनोद भट्ट, हरेंद्र कुमार मिश्रा, मनोज कुमार आदि शामिल रहे।
पीएम आवास : आवास मिल गया, नहीं जुटा पा रहे पंजीकरण की धनराशि
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मानबेला में निर्मित आवास लोगों को आवंटित तो हो गए हैं लेकिन आवंटी पंजीकरण धनराशि नहीं जमा कर पा रहे। उन्होंने सदर सांसद रविकिशन के माध्यम से जीडीए के अधिकारियों से पंजीकरण धनराशि को भी किस्तों में बांटने की अपील की है। इधर जीडीए ने उनकी सुविधा के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 15 दिन बढ़ा दी है।
मानबेला में निर्मित 1488 फ्लैट में से लॉटरी के जरिए 1242 लोगों को आवास आवंटित हुए हैं। आरक्षित श्रेणी के कुछ आवास बचे हुए हैं। जिन्हें आवास मिला है उन्हें पंजीकरण धनराशि जमा करने को कहा गया है। आवेदन करते समय पहले 25 हजार रुपए निर्धारित किए गए थे, फिर इसे घटाकर पांच हजार कर दिया गया। जिन्होंने 25 हजार जमा किए थे आवंटन के बाद उनसे 25 हजार जबकि पांच हजार जमा करने वालों से 45 हजार जमा करने को कहा गया है। शेष बचे डेढ़ लाख रुपए छह ब्याजरहित किस्तों में चुकाने होंगे।
किस्त हर तीन महीने पर देनी होगी। 2.50 लाख रुपए का भुगतान सरकार करेगी। अभी तक करीब 1.59 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। यानी करीब 318 लोगों ने पंजीकरण कराया है। लॉकडाउन के सबकुछ बन्द होने से उनकी भी आर्थिक स्थिति गड़बड़ हो गई। कई आवंटी 45 हजार रुपये को दो किस्तों में बांटने की मांग कर रहे हैं। जीडीए के सचिव राम ङ्क्षसह गौतम ने बताया कि आवंटी पंजीकरण करा रहे हैं। समय सीमा 15 दिन के लिए और बढ़ाई गई है।