खुद की चिंता छोड़कर हर समय कर रहीं कोरोना संक्रमितों का इलाज Gorakhpur News
पूरी दुनिया में कोरोना का खौफ छाया है। लोग अपनों से भी मिलने में परहेज कर रहे हैं। इसी दौर में संतकबीरनगर जिले में स्वास्थ्यकर्मी खुद की चिंता छोड़कर लोगों की जान बचाने के लिए पूरी तन्मयता से कार्य कर रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन : पूरी दुनिया में कोरोना का खौफ छाया है। लोग अपनों से भी मिलने में परहेज कर रहे हैं। इसी दौर में संतकबीरनगर जिले में स्वास्थ्यकर्मी खुद की चिंता छोड़कर लोगों की जान बचाने के लिए पूरी तन्मयता से कार्य कर रहे हैं। सुविधाओं और संसाधनों का अभाव होने पर भी यह लोग बिना मुंह खोले बेहतर कार्य करने का प्रयास कर रहे हैं। जागरण ने कोरोना योद्धाओं से वार्ता की तो हाल कुछ इस तरह सामने आया।
देश है तो हम हैं
मगहर कस्बा के मोहनलालपुर निवासी स्टाफ नर्स अनुपम श्रीवास्तव का कहना है कि अगस्त,2020 में कोरोना की जांच में उनकी ड्यूटी लगी। स्वजन डर गए। उनके मन में आया कि सभी डरकर घर बैठ जाऐंगे तो फिर कोरोना से जंग कैसे होगी। उन्होंने जांच में ड्यूटी की, अब टीकाकरण में भी सहयोग कर रही हैं।
सास ने बढ़ाया हौसला
सीएचसी खलीलाबाद में स्टाफ नर्स रीता का कहना है कि पहली बार जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बने कोरोना के लेवल वन अस्पताल में उनकी ड्यूटी लगी तो स्वजन सकते में आ गए। उनके सामने छह व आठ वर्ष की दो बच्चियां को संभालने की जिम्मेदारी थी। उनकी सास शोभा देवी ने बच्चों को संभालने के साथ ही समाज के लिए रिस्क उठाने को कहा। उनके बढ़ाए गए हौसले से उन्होंने न सिर्फ कोरोना संक्रमितों की सेवा का कार्य किया बल्कि अब टीका लगाने का कार्य भी कर रही हैं।
सुरक्षा और सजगता के सामने नहीं टिक सकता कोरोना
नेहा सिंह का कहना है कि सुरक्षा अपनाने से ही कोरोना को मात दिया जा सकता है। हम सभी ने रेलवे स्टेशन, गांव-गांव में जाकर नमूना लिया था। कहीं भी कोई समस्या नहीं हुई। स्वजन, सगे-संबंधी, पास-पड़ोस के साथ अन्य भी लोगों ने इस कार्य की सराहना की जिससे कि हमें अपार खुशी मिली। अब तो टीकाकरण में ड्यूटी लगी है। हमारा सौभाग्य है कि हमें इस योग्य समझा गया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा और सजगता के सामने कोरोना कहीं टिक नहीं सकता है।
सभी देते हैं सम्मान
आंबेडकर नगर की निवासी स्टाफ नर्स दिव्या मौर्य कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खलीलाबाद में कार्यभार ग्रहण करने के बाद उनकी ड्यूटी लेवल वन अस्पताल में लग गई। ड्यूटी के बाद 14 दिनों तक क्वारंटीन रहने के लिए किराए के मकान में भी मकान मालिक से समस्या हुई। कठिन समय में देश के लिए कार्य करने से अब उन्हें सम्मान मिलता है। उन्होंने कहा कि पहले हम संक्रमित ढूंढते थे, अब टीकाकरण कर रहे हैं।
जयंती का जज्बा कायम
जिला अस्पताल की स्टाफ नर्स जयंती ने बताया कि पहले ही चक्र में उनकी कोरोना वार्ड में ड्यूटी लग गई। 14 दिनों तक ड्यूटी करने के दौरान होटल में रहने की विवशता थी। यहां से मुक्त होने के बाद भी आगे 14 दिनों तक एकांतवास में रहना पड़ा। उन्होंने बताया के महामारी को सामने से देखने के बाद अब उनका डर खत्म हो गया है। हर दिन वह लोगों को बचाव के लिए जागरूक कर रही हैं। कोरोना से लड़कर हर हाल में जीत होगी।