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गोरखपुर में नियमों के जाल में उलझा कूड़ा निस्तारण प्लांट Gorakhpur News

एनजीटी ने साफ कह दिया है कि शहर का कूड़ा निस्तारित करने की व्यवस्था जल्द से जल्द होनी चाहिए।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 04:40 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 04:40 PM (IST)
गोरखपुर में नियमों के जाल में उलझा कूड़ा निस्तारण प्लांट Gorakhpur News
गोरखपुर में नियमों के जाल में उलझा कूड़ा निस्तारण प्लांट Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। शहर के कूड़े का निस्तारण करने के लिए बनाए जाने वाले सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की जमीन नियमों के जाल में उलझकर रह गई है। जमीन की तलाश में 14 साल बीत चुके हैं लेकिन सफलता नहीं मिल सकी है। प्लांट न बन पाने के कारण स्वच्‍छता सर्वेक्षण में नगर निगम हमेशा पीछे रहता है।

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चार सौ टन कूड़ा निकलता है प्रतिदिन

शहर में वर्तमान में रोजाना तकरीबन चार सौ टन कूड़ा निकलता है। कूड़े के निस्तारण और इससे बिजली बनाने के लिए वर्ष 2006 में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना की योजना बनी। शहर से सटे महेसरा में जमीन चिह्नित कर तकरीबन 12 करोड़ रुपये जारी भी कर दिए गए थे। प्लांट बनाने की जल्दबाजी में तब किसी ने ध्यान ही नहीं दिया कि बारिश में महेसरा में जलभराव हो जाता है। प्लांट के लिए बाउंड्री के निर्माण के बीच बारिश का मौसम आ गया और पूरी जमीन पानी में डूब गई। फिर निर्णय लिया गया कि प्लांट अब दूसरी जगह बनेगा।

14 साल में तीन जमीन फाइनल, पर काम शुरू होने से पहले विवाद

इसके बाद कभी पिपराइच, कभी गीडा तो कभी भटहट में जमीन फाइनल की जाती रही। गीडा में किसानों ने हिंसक प्रदर्शन किया तो नगर निगम के अफसरों को पीछे हटना पड़ा। भटहट में जिला प्रशासन के सहयोग से नगर निगम को मुफ्त में 25 एकड़ जमीन भी मिल गई। नगर निगम प्रशासन ने कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) को नक्शा बनाने के लिए भी कह दिया। इस बीच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्थलीय निरीक्षण किया तो थोड़ी दूर पर बहने वाली चिलुआ नदी के कारण अनापत्ति प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया।

एनजीटी ने भी दी हिदायत

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की जल्द से जल्द स्थापना के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने नगर निगम प्रशासन पर दबाव बनाया है। एनजीटी ने साफ कह दिया है कि शहर का कूड़ा निस्तारित करने की व्यवस्था जल्द से जल्द होनी चाहिए।

दूरी बढ़ी तो तेल का खर्च भी बढ़ेगा

नगर निगम के अफसरों की मजबूरी यह है कि शहर से सटे इलाकों में जमीन देने का नागरिक विरोध कर रहे हैं और ज्यादा दूर जमीन ली तो कूड़ा पहुंचाने में करोड़ों रुपये का तेल खर्च होगा। नगर निगम को खजनी के पास जमीन मिल रही है, लेकिन शहर से ज्यादा दूरी होने के कारण यहां तक कूड़ा पहुंचाना ज्यादा खर्चीला है। नगर आयुक्‍त अंजनी कुमार सिंह का कहना है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए जमीन की तलाश तेजी से चल रही है। जल्द जमीन मिल जाएगी।


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