कूड़ा निस्तारण पर फिर संकट, प्रदूषण विभाग नहीं दी मंजूरी Gorakhpur News
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने को लेकर प्रदूषण विभाग की तरफ सेे ना हो गई है। प्लांट की स्थापना को अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। शहर से निकलने वाले कूड़े के निस्तारण पर फिर से संकट खड़ा हो गया है। भटहट के डुमरी नंबर दो में नगर निगम की 25 एकड़ जमीन पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने को लेकर प्रदूषण विभाग की तरफ सेे ना हो गई है। जमीन के बगल चिलुआ नदी के कारण प्रदूषण विभाग ने प्लांट की स्थापना को अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया है।
डेढ़ दशक से प्लांट लगाने की योजना पर चल रहा काम
नगर निगम प्रशासन 2006 से ही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाने की योजना पर काम कर रहा है। तत्कालीन महापौर अंजू चौधरी ने महेसरा में प्लांट की स्थापना के लिए बजट जारी कराया था। वहां बरसात में जलभराव के चलते काम ठप हो गया। उसके बाद गीडा में जमीन लेने की प्रक्रिया शुरू होते ही नागरिकों ने विरोध कर दिया। काफी तलाश के बाद भटहट के डुमरी में नगर निगम को 25 एकड़ जमीन निश्शुल्क मिली। यह जमीन आबादी से चार किलोमीटर दूर है।
एकला बांध पर डाला जा रहा कूड़ा
जल निगम की कार्यदायी संस्था कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) को प्लांट की स्थापना की जिम्मेदारी दी गई। अब प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने इस पर आपत्ति जता दी है। कुछ नागरिकों ने चिलुआ नदी को आधार बनाकर बोर्ड में शिकायत भी की थी। फिलहाल शहर का कूड़ा एकला बांध पर डाला जा रहा है।
यह है चिलुआ नदी
महराजगंज के नटवा जंगल से लूलीघाट होते हुए चिलुआ नदी गोरखपुर में रोहुआ घाट से प्रवेश करती है। नदी गोरखपुर और महराजगंज जिले की सीमा को बांटती है। चिलुआताल के पास से गुजरने के कारण इसका नाम चिलुआ नदी हो गया था। यह नदी महेसरा होते हुए राप्ती नदी में मिल जाती है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी पंकज यादव का कहना है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए प्रस्तावित जमीन के पास से चिलुआ नदी बहती है। बारिश में यहां पानी भर जाता है। बारिश के पानी के साथ गंदगी नदी में जाएगी। प्लांट बनाने को लेकर आपत्तियों से कमिश्नर को भी अवगत करा दिया गया है। वहीं नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों के साथ प्लांट के लिए प्रस्तावित जमीन का निरीक्षण किया गया है। बोर्ड के अफसरों ने आपत्ति को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं दी है।