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धूमिल हो रही गड़ौरा चीनी मिल चलने की उम्मीद, भुगतान भी अधर में लटका

शासन द्वारा क्षेत्र के चीनी मिलों को गन्ना आवंटित कर दिया है। जिसके बाद महराजगंज के सिसवा चीनी मिल में पेराई शुरू कर दी गई है। जबकि जेएचवी चीनी मिल गड़ौरा मिल प्रबंधन की तरफ से अभी कोई दिन निर्धारित नहीं किया गया है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 07:05 AM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 07:05 AM (IST)
धूमिल हो रही गड़ौरा चीनी मिल चलने की उम्मीद, भुगतान भी अधर में लटका
धूमिल हो रही गड़ौरा चीनी मिल चलने की उम्मीद, भुगतान भी अधर में लटका। फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। शासन द्वारा क्षेत्र के चीनी मिलों को गन्ना आवंटित कर दिया है। जिसके बाद महराजगंज के सिसवा चीनी मिल में पेराई शुरू कर दी गई है। जबकि जेएचवी चीनी मिल गड़ौरा मिल प्रबंधन की तरफ से अभी कोई दिन निर्धारित नहीं किया गया है। हालांकि प्रशासन 12 दिसंबर तक मिल चलाने की बात कह रहा है। जिसके बाद किसानों में उम्मीद जगी है। जबकि पिछले वर्ष का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान नहीं होने से किसानों में मायूसी भी है।

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मुश्किल होने लगी है गन्‍ने की खेती

मिश्रौलिया निवासी गन्‍ना किसान तनवीर शेख बताते हैं कि गन्ने की ज्यादा खेती करना अब मुश्किल होने लगा है। नकद खेती कर फसल उगाया जा रहा है। जिसके बाद मिल को गन्ना देकर इंतजार किया जा रहा है। प्रशासन मिल चलाये साथ ही समय से भुगतान भी कराये। इस वर्ष बकाया और वर्तमान सत्र का पैसा नहीं मिला तो किसान बर्बाद हो जाएंगे।

निचलौल क्षेत्र के गन्‍ना किसानों की दुर्दशा

पिछले दो वर्षों में निचलौल क्षेत्र के गन्ना किसानों की दुर्दशा हो गई। पहले मिल बंद रहा और जब पिछले सत्र में चला तो भुगतान नहीं हो सका। अगर इस वर्ष मिल नहीं चलता तो गन्ना खेती से लोगों का मोह भंग हो जाता। मिल चलने की अभी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन गन्ना आवंटित होने से उम्मीद जगी है।

कडोरों रुपये है चीनी मिल पर बकाया

बैठवलिया निवासी किसान रितेश बताते हैं कि गड़ौरा चीनी मिल पर वर्ष का ही करोड़ों रुपये बकाया है। बावजूद इसके उन्हें खुशी है कि क्षेत्र का मिल चले। क्योंकि अन्य मिलों में भी गन्ना देकर लोग भुगतान के इंतजार में हैं। यहां गन्ना देने का फायदा है कि कम खर्च में मिल तक गन्ना पहुंच जाएगा।

भाठ क्षेत्र के किसानों की मुश्किल

शितलापुर के किसान खदेरू पाल बताते हैं कि गड़ौरा चीनी मिल चलने से भाठ क्षेत्र के किसानों को बहुत राहत मिलेगी। सबसे बड़ी राहत गन्ना ले जाने की होगी। जिससे कम भाड़ा में हम अपना गन्ना मिल तक ले जा सकेंगे। हालांकि गन्ना की खेती अब मजबूरी बनती जा रही है। पिछले वर्ष का भुगतान नहीं मिल पाया है।

मिल पर पुराने बकाए का रहेगा दबाव

जेएचवी चीनी मिल पर गन्ना किसानों का अभी भी करोड़ों रुपया बकाया है। जो चीनी मिल भुगतान नहीं कर पाया है। एक तरफ किसानों को चीनी चलने की खुशी है तो दूसरी तरफ बकाए गन्ना मूल्य भुगतान की उम्मीद भी जगी है। इससे चीनी मिलने पर शासन व किसान दोनों का दबाव रहेगा। गड़ौरा चीनी मिल ने वर्ष 2020 का 15.5 करोड़ का भुगतान नहीं किया है, जिससे प्रशासन भी परेशान हैं।

गडाैरा चीनी मिल को किया गया गन्‍ने का आवंटन

जिला गन्‍ना अधिकारी जगदीश यादव ने बताया कि गड़ौरा चीनी मिल को गन्ने का आवंटन कर दिया गया है। शासन ने मिल चलाने का भी निर्देश दे दिया है लेकिन मिल प्रबंधन हीलाहवाली कर रहा है। प्रबंधन ने 12 दिसम्बर तक का समय मांगा है। जबकि मिल ने अभी तक इंडेंट की मांग नहीं की है। किसानों का पुराना 15.5 करोड़ का बकाया भी मिल पर है।


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