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खेल के मैदान से : निशानेबाजों की प्रतिभा निखारने के लिए गोरखपुर में हो शूटिंग रेंज की व्यवस्था

गोरखपुर में निशानेबाजी के कई खिलाडी हैं लेकिन अभ्‍यास के लिए शूटिंंग रेंज उपलब्‍ध नहीं है। नियमित अभ्‍यास न करने की वजह से खिलाडियों का प्रदर्शन प्रभावित होता है। उन्‍हें अभ्‍यास करने के लिए मंडल के एकमात्र शूटिंग रेंज कुशीनगर के पडरोना जाना पडता है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 02:15 PM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 02:15 PM (IST)
खेल के मैदान से : निशानेबाजों की प्रतिभा निखारने के लिए गोरखपुर में हो शूटिंग रेंज की व्यवस्था
निशानेबाजी के खिलाडियों के लिए गोरखपुर में शूटिंग रेंज स्‍थापित होना चाहिए। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। राइफल शूटिंग का प्रशिक्षण देने के लिए गोरखपुर में शूटिंग रेंज की बहुत जरूरत है। जिससे यहां के बच्‍चों में इस खेल के प्रति रुचि बढ़ सके। गोरखपुर और आसपास के जिलों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत है तो बस उन्‍हें अनुकूल माहौल उपलब्‍ध कराने की है।

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संसाधन मिले तो अच्‍छा प्रदर्शन कर सकते हैं खिलाडी

एक शूटर के लिए अच्‍छी डाइट, अच्‍छी राइफल, शूटिग किट (शूटिग ड्रेस) और शूटिाग रेंज की आवश्यकता होती है। इन संसाधनों के बदौलत खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर पाता है। शूटिग रेंज की मांग बहुत दिनों से की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया है।

कुशीनगर जिले में है शूटिंग रेंज

गोरखपुर मंडल में एक मात्र शूटिग रेंज कुशीनगर जिले के पडरौना में है। गोरखपुर में शूटिग रेंज न होने की वजह से यहां के खिलाडियों को अभयास के लिए प्रतिदिन पडरौना जाना पडता है। पडरौना में समाज कल्याण इंटर कालेज खेसियां, पडरौना हमें गांव से रेंज तक अप-डाउन करना पड़ता है।

पडरौना में अभ्‍यास करने वाले खिलाडी कर चुके हैं बेहतर प्रदर्शन

हालांकि वहां की व्यवस्था में कोई कमी नहीं है, लेकिन उतने दूर आने-जाने से अभ्यास पर प्रभाव पड़ता है। इस शूटिंग रेंज पर अभ्‍यास करने वाले कई राष्‍ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर चुके गोरखपुर के जय लक्ष्‍मी पांडेय ने कई बार प्रतियोगिताओं में परिणाम दिया है। वह कहते हैं कि अभ्‍यास के लिए लंबी दूरी तय करने की वजह से कभी-कभी हम बेहतर परिणाम नहीं दे पाते हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय के कई छात्रों के पास राइफल हैं, लेकिन रेंज के अभाव में प्रैक्टिस नहीं कर सकते। इन प्रतिभाओं को आगे बढाऩे के लिए शूटिंग रेंज होना चाहिए, ताकि यहां के शूटर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेर सकें।

जय लक्ष्‍मी पांडेय की उपलब्धियां

-2015-2016 : आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी शूटिंग टूर्नामेंट (बीएचयू, वाराणसी) में प्रतिभाग।

-2017-2018 : आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी शूटिंग टूर्नामेंट (गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर) में प्रतिभाग।

-गोरखपुर महोत्सव : शूटिंग टूर्नामेंट 10 मीटर रजही कैंप (द्वितीय स्थान)।

-गोरखपुर महोत्सव : शूटिंग टूर्नामेंट 25 मीटर रजही कैंप (तृतीय स्थान)।


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