नए सत्र से कक्षा एक के बच्चे पढ़ेंगे एनसीईआरटी की किताबें Gorakhpur News
प्रशिक्षण आनलाइन होगा और इसे हर हाल में 10 जनवरी तक पूरा करना होगा। इसके बाद 25-25 शिक्षकों का बैच बनाकर 31 मार्च तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए तैयार किया जा रहा माड्यूल विकास खंड स्तरीय मास्टर ट्रेनर को उपलब्ध करानी होगी।
गोरखपुर, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में भी एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) की किताबें पढ़ाई जाएंगी। इसकी शुरुआत सत्र 2021-22 में कक्षा एक से होगी। पाठ्यक्रम लागू से पहले शिक्षकों को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वह बच्चों को ठीक ढंग से पढ़ा सकें।
योजना के तहत प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक विकास खंड से चार-चार शिक्षकों का चयन विशेष प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए चयनित शिक्षकों का ब्योरा विभाग शासन स्तर पर भेजेगा। प्रशिक्षण आनलाइन होगा और इसे हर हाल में 10 जनवरी तक पूरा करना होगा। इसके बाद 25-25 शिक्षकों का बैच बनाकर 31 मार्च तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा के निर्देशानुसार प्रशिक्षण के लिए तैयार किया जा रहा माड्यूल विकास खंड स्तरीय मास्टर ट्रेनर को उपलब्ध करानी होगी। माड्यूल की दो-दो कापियां विकासखंड, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान तथा बीएसए कार्यालय में भी उपलब्ध रहेंगी।
विशेष योग्यता वाले शिक्षक होंगे चयनित
प्रशिक्षण के लिए पहले विशेष योग्यता वाले शिक्षक चयनित किए जाएंगे। इनमें ऐसे शिक्षक जिनका शैक्षिक गतिविधियों में विशेष योगदान रहा है. साथ ही निष्ठा प्रशिक्षण में एआरपी एवं शिक्षक संकुल के रूप में चयनित किए गए शिक्षकों को भी चिह्नित किया जाएगा। प्रशिक्षण हर हर हाल में 31 मार्च तक पूरी करानी होगी, ताकि अप्रैल से नया सत्र शुरू होने पर छात्रों को उसी के अनुसार पठन-पाठन सुनिश्चित की जा सके। प्रशिक्षण के लिए चयनित शिक्षकों को एनसीईआरटी की एक सेट किताबों भी दी जाएगी।
पढ़ाने के पहले शिक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण
जिला विद्यालय निरीक्षक भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि शासन द्वारा नए सत्र 2021-22 से परिषदीय स्कूलों में भी चरणबद्ध तरीके से एनसीईआरटी की किताबों पर आधारित पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। कक्षा एक से इसकी शुरुआत होगी। धीरे-धीरे अगली कक्षाओं में भी इसे लागू किया जाएगा। इसके पहले शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि उन्हें ब'चों को पढ़ाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।