लॉकडाउन में फंसे फ्रांसीसी परिवार को मंदिर में मिली शरण, अब सनातन धर्म से जुड़ी आस्था की डोर Gorakhpur News
लॉकडाउन में यूपी के महराजगंज के एक मंदिर में शरण लेने वाले फ्रांसीसी परिवार की भारतीय सनातन धर्म से आस्था की डोर बंध गई। अब वह परिवार प्रतिदिन भगवान का जयकारा लगाता है।
महराजगंज, जेएनएन। फ्रांस के टूलोज शहर निवासी फ्रांसीसी परिवार की भारतीय सनातन धर्म से आस्था की ऐसी डोर बंध गई है कि यह इसके सहारे कोरोना से मुक्ति व विश्व कल्याण की कामना कर रहे हैं। भगवान शंकर, मां दुर्गा व प्रभु राम की नियमित पूजा करते हैं। जयकारा लगाते हैं तो सारा गांव इनके साथ स्वर मिलाता है। पिछले एक माह से जिले के लक्ष्मीपुर क्षेत्र स्थित कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवा गांव का मंदिर इनका ठिकाना बना हुआ है।
नेपाल जाना था लेकिन लॉकडाउन के कारण मंदिर में ठहरना पड़ा
21 मार्च को पैलेरेस इनट्राइज जोसेफ, पत्नी ब्लेनचाई इप पैलेरस, बेटियों ओपैलो मार्गीमाइड व पैलेरेस लोला जेनफर तथा बेटा पैलेरेस ट्राममेटिव के साथ यहां पहुंचे। उन्हें नेपाल जाना था लेकिन लॉकडाउन के कारण यहीं ठहरना पड़ा। प्रभु की भक्ति व गांव का माहौल इन्हें ऐसा भाया कि प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी शहर में रहने को तैयार नहीं हुए। प्रशासनिक अधिकारियों को भी इनकी इ'छा के आगे झुकना पड़ा। इतने दिनों में इन्हें हिन्दी की आवश्यक जानकारी भी हो गई है। इतने दिनों में इनको जरूरत भर के हिन्दी की जानकारी भी हो गई है।
नमस्ते बोल कर करते हैं अभिवादन
मंदिर परिसर में किसी के पहुंचने पर नमस्ते बोल अभिवादन करते हैं। किसी ग्रामीण के घर चाय पीने के बाद कहते हैं, चाय बहुत अ'छी है। यह भी अक्सर कहते हैं कि इंडिया इज ग्रेट। यह परिवार बीते फरवरी में फ्रांस से यात्रा पर निकला था। पहली मार्च को बाघा बार्डर से होते हुए भारत में प्रवेश किया। आगामी आठ माह में इनकी नेपाल, म्यांमार, इंडोनेशिया, थाईलैंड मलेशिया की यात्रा प्रस्तावित है।
आठ माह तक है देशाटन की योजना
पैलेरेस इनट्राइजजोसेफ पत्नी व बच्चों के साथ बीते फरवरी माह में फ्रांस से यात्रा पर निकले थे। पहली मार्च को बाघा बार्डर से होते हुए भारत में प्रवेश किए। आगामी आठ माह में इनकी नेपाल , म्यांमार, इंडोनेशिया, थाईलैंड मलेशिया घूमने की योजना है। मार्च माह में भारत- नेपाल सीमा सील होने के कारण यह लोग नेपाल में प्रवेश नहीं कर पाए। तभी से यह परिवार यहां मेहमान बना है।
चलता- फिरता मकान है इनका वाहन
पैलेरेस इनट्राइजजोसेफ का वाहन चलता फिरता मकान है। इसमें रहने खाने की पूरी व्यवस्था है। पैलेरेस इनट्राइजजोसेफ की दोनों बेटियां ग्रेजुएट हैं। बेटा पैलेरेस ट्राममेटिव कक्षा नौवीं का छात्र है। पत्नी फ्रांस के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं। जबकि पैलेरेस इनट्राइजजोसेफ खुद मोटर मैकेनिक हैं।
हम तो आदि काल से अतिथि को देवता के रूप में पूजते आ रहे हैं। सौभाग्य की बात है कि विदेशी मेहमान मंदिर परिसर में रुके हैं। सेवा का मौका मिला है। प्रतिदिन सुबह पूजन के बाद यह परिवार जयकारा लगाता है। इनकी आस्था देखते ही बनती है। - हरिदास, पुजारी, शिवमंदिर , कोल्हुआ, महराजगंज