अब मुफ्त होगा 'गूंगे-बहरेपन' का इलाज, बचेगा आठ लाख
गोरखपुर में गूंगे-बहरेपन का इलाज अब निशुल्क होगा। यह इलाज सिर्फ गरीब घर के बच्चों के लिए है। इससे करीब 40 लाख रुपये की बचत होगी।
गोरखपुर : बच्चों के 'गूंगे व बहरेपन ' का इलाज अब गोरखपुर में निशुल्क हो सकेगा। इसके इलाज में लगभग आठ लाख रुपये का खर्च आता है। भारत सरकार द्वारा अली यावर जंग संस्थान के सहयोग से चलाई जा रही एडीप योजना के तहत यह इलाज मुफ्त किया जाएगा। राजदीप ईएनटी हास्पीटल, कसया रोड को इस योजना का केंद्र बनाया गया है।
यह बातें नाक, कान, गला विशेषज्ञ डॉ. वाईसी यादव व डॉ. राजेश यादव ने कही। वह कसया रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस योजना में जीरो से लेकर पांच वर्ष तक के वे बच्चे शामिल किए जाएंगे जो जन्म से ही गूंगे-बहरेपन के शिकार हैं और जिनके अभिभावक की आय 15 हजार रुपये मासिक या उससे कम है। ऐसे बच्चों का आपरेशन खर्च, कॉक्लीयर इंप्लांट व दो वर्ष तक स्पीच थिरेपी पूरी तरह निश्शुल्क दी जाएगी। उन्होंने कहा जिनके बच्चों को इस तरह की परेशानी हो वे संपर्क कर सकते हैं। उन्हें उक्त सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह सुविधाएं मूलत: गरीबों के लिए है। गरीब आठ लाख रुपये तक का खर्च उठा पाने में असमर्थ होते हैं। पैसे के अभाव में गरीबों के बच्चे उसी तरह जीते रहते हैं। उन्होंने कहा कि इसका रजिस्ट्रेशन शुरू किया जा रहा है। यह योजना लगातार चलती रहेगी। यह लेकर जाना होगा
-मरीज की पासपोर्ट साइज फोटो।
-जन्म एवं जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो तो)।
-आय प्रमाण पत्र।
-श्रवण संबंधित विकलांगता प्रमाण पत्र।
-कान के सुनने की जांच का प्रमाण पत्र।
-डॉक्टर की परामर्श रिपोर्ट।
-सीटी स्कैन/ एमआरआइ रिपोर्ट।
-भाषा एवं बोलने का प्रमाण पत्र।