छात्रों के साथ धोखाधड़ी : दस दिन बाद भी कार्रवाई नहीं, नर्सिंग छात्रों ने लगाया जाम
जिला प्रशासन ने पहले उनसे जांच के लिए 10 दिन का समय मांगा लेकिन अभी तक कालेज निदेशक के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। छात्र-छात्राओं का एक प्रतिनिधि मंडल छात्र संदीप गुप्ता की अगुवाई में उपजिलाधिकारी सदर से मिला।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पिपराइच क्षेत्र स्थित राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कालेज तुरा बाजार की फर्जी मान्यता के मामले में दस दिन बाद भी कोई कार्रवाई न होता देख कालेज में अध्यनरत छात्र-छात्राओं ने शहर के गणेश चौराहे पर जाम लगा दिया। करीब आधे घंटे तक जिला प्रशासन उन्हें मनाने में जुटा रहा। करीब आधे घंटे बाद छात्र-छात्राओं को किसी तरह से सड़क के एक किनारे लाया गया और उन्हें बताया गया कि स्टेट मेडिकल फैकल्टी को कालेज के पंजीयन की जानकारी मांगी गई है। बताया गया कि स्टेट मेडिकल फैकल्टी से कोई जवाब आने के बाद ही वह आगे के लिए कोई कदम उठा सकते हैं।
अधिकारियों ने 10 दिन में कार्रवाई का दिया था आश्वासन
राज नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कालेज की फर्जी मान्यता को लेकर बीते 10 जनवरी को वहां के अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। जिला प्रशासन ने जांच के लिए 10 दिन की मोहलत मांगी थी। लेकिन 10 दिन बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई न होता देख कालेज की छात्र-छात्राएं 21 जनवरी को सुबह करीब 11 बजे पिपराइच के तुराबाजार के सामने पहुंच गए। वे वहां सड़क जाम करने लगे। इस दौरान मौके पर पुलिस पहुंच गई। पुलिस कर्मियों ने छात्र-छात्राओं को किसी तरह से वहां समझाकर भेजा तो वह कलेक्ट्रेट परिसर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पहुंच गए।
जिला प्रशासन पर धोखा करने का आरोप
छात्र-छात्राओं ने कहा कि जिला प्रशासन उनके साथ धोखा कर रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने नर्सिंग, एनएम, जीएनएम सहित विभिन्न कोर्सों के लिए कालेज प्रशासन ने मनमाना शुल्क लिया है। कालेज निदेशक ने झूठी मान्यता के नाम पर सैकड़ों छात्र-छात्राओं का भविष्य बर्बाद किया है। जिला प्रशासन ने पहले उनसे जांच के लिए 10 दिन का समय मांगा, लेकिन अभी तक कालेज निदेशक के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। छात्र-छात्राओं का एक प्रतिनिधि मंडल छात्र संदीप गुप्ता की अगुवाई में उपजिलाधिकारी सदर से मिला। उपजिलाधिकारी सदर कुलदीप मीणा ने कहा कि कार्रवाई के लिए उन्हें अभी तीन दिन का समय और चाहिए। उसके बाद ही कोई कार्रवाई हो सकती है।
गणेश चौराहे पर लगाया जाम
कलेक्ट्रेट परिसर में पुलिस का दबाव बढ़ा तो छात्र-छात्राएं वहां से निकलकर गणेश चौराहे पर जाम लगा दिया। छात्र-छात्राओं ने मांग की कि कालेज निदेशक से उनके रुपये वापस दिलवाए जाएं और उनका दूसरे कालेजों में प्रवेश दिलवाया जाए। गणेश चौराहे पर जाम का दबाव बढ़ने पर मौके पर एडीएम सिटी विनीत कुमार सिंह, सीएमओ, कैंट थाना पुलिस पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। वह किसी तरह समझाकर उन्हें किनारे लाए।
स्टेट मेडिकल फैकल्टी से जानकारी मिलने के बाद की जाएगी कार्रवाई
सीएमओ ने बताया कि कालेज के पंजीयन व सीटों के विषय में जानकारी के लिए स्टेट मेडिकल फैकल्टी को पत्र भेजा गया है। वहां से जानकारी मिलने के बाद ही कालेज के विरुद्ध कोई कदम उठाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि छात्र चाहें तो स्वयं इसकी जानकारी ले सकते हैं। जाम लगाने वालों में मृदुल शर्मा, प्रत्युष पाण्डेय, ज्योति यादव, सत्राजीत, उदय यादव, आशुतोष मिश्र, अखिलेश गुप्ता, रिंकी कुमारी, रीना भारती, नेहा गिरी आदि मौजूद रहे।
इसलिए आंदोलित हैं छात्र
बता दें राज स्कूल आफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कालेज की मान्यता बहाली का शासनादेश फर्जी था। इसकी जानकारी होने पर शासन के संयुक्त सचिव ने कोतवाली थाने में दुर्गाबाड़ी स्थित कालेज के संचालकों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने का मुकदमा दर्ज कराया है। कोतवाली पुलिस मामले की जांच कर रही है।
10 दिन बाद पंजीयन के विषय में लिखा गया पत्र
पिपराइच के तुरा बाजार का राज नर्सिंग व पैरामेडिकल कालेज की फर्जी मान्यता को लेकर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत है। कालेज अपनी वेबसाइट पर लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा महाविद्यालय, स्टेट पैरा मेडिकल फैकल्टी लखनऊ व इंडियन नर्सिंग काउंसिल नई दिल्ली में से अपनी सम्बद्धता दिखा रहा है। इसे लेकर छात्र-छात्राओं के द्वारा बीते 10 जनवरी को ही बड़े पैमाने प्रदर्शन किया गया था। बावजूद इसके सीएमओ ने 10 दिन बाद स्टेट मेडिकल फैकल्टी का पत्र भेजा है और जानकारी मांगी है कि कालेज का वहां से पंजीयन है अथवा नहीं, जबकि कालेज के छात्र सुमित गुप्ता का कहना है कि सीएमओ चाहते तो 10 जनवरी को ही वह स्टेट मेडिकल फैकल्टी को पत्र लिख सकते थे।
जाम के दौरान बेहोश हुई छात्रा
गणेश चौराहे पर जाम लगाने के दौरान कालेज की छात्रा प्रेमशीला बेहोश हो गई। उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया।