Sero survey in gorakhpur: चौथे चरण का सर्वे बताएगा दूसरी लहर की तासीर, भेजे गए 1200 नमूने
सर्वे की जिम्मेदारी गोरखपुर क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) को मिली है। इसमें तीन जिलों गोंडा बलरामपुर व मऊ से 400-400 लोगों के नमूने आइसीएमआर की चेन्नई शाखा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इपीडेमोलाजी में एंटीबाडी जांच के लिए भेज दिए गए हैं।
गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। कोरोना की दूसरी लहर की तासीर जानने के लिए इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने चौथे चरण का सर्वे शुरू कर दिया है। इसके लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीन जिले-गोंडा, बलरामपुर व मऊ चुने गए हैं। सर्वे की जिम्मेदारी क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) को मिली है। हर जिले से 400-400 लोगों के नमूने आइसीएमआर की चेन्नई शाखा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इपीडेमोलाजी में एंटीबाडी जांच के लिए भेज दिए गए हैं।
इन जिलों में पहली लहर के दौरान तीन बार सीरो सर्वे हो चुका है। तीसरे चरण के सर्वे में यह 23 फीसद, दूसरे में आठ व पहले में 1.6 फीसद लोग संक्रमित मिले थे। ये सर्वे पिछले वर्ष जून, अगस्त व दिसंबर में हुए थे। चौथे सर्वे की रिपोर्ट आने में अभी एक माह का समय लग सकता है लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक इस चरण में प्रभावित लोगों की संख्या तीसरे चरण के मुकाबले तीन गुना अधिक अर्थात लगभग 70 फीसद हो सकती है। क्योंकि जिन क्षेत्रों से नमूने लिए गए हैं, वहां बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए थे।
इनके लिए गए नमूने
सीरो सर्वे में उन लोगों को शामिल किया गया है, जिन्होंने न तो कोरोना का टीका लगवाया था और न ही उनमें कोरोना के लक्षण नजर नहीं आए थे। उन्होंने जांच भी नहीं कराई थी। वे संक्रमण काल में पूरी तरह स्वस्थ थे।
क्या है सीरो सर्वे
इस सर्वे से यह पता लगाया जाता है कि कितनी फीसद आबादी किसी बीमारी से संक्रमित हुई है। यह सर्वे कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जा रहा है। किसी क्षेत्र में रहने वाले कुछ लोगों के खून के सीरम की जांच की जाएगी। यदि उनमें कोरोना की एंटीबाडी मिलती है तो माना जाएगा कि वे संक्रमित हुए थे, भले ही उन्हें पता नहीं चला। इससे आबादी में संक्रमण का फीसद निकाला जाता है।
आरएमआरसी के वायरोलाजिस्ट डा. अशोक पांडेय का कहना है कि तीन जिलों में चौथे चरण का सीरो सर्वे किया गया है। हर जिले से 400-400 लोगों के नमूने नेशनल इस्टीट्यूट आफ इपीडेमोलाजी, चेन्नई में एंटीबाडी जांच के लिए भेज दिए गए है। एक माह में रिपोर्ट आने की उम्मीद है। अनुमान के मुताबिक इस बार 70 फीसद लोगों में एंटीबाडी मिल सकती है।