यहां चोरी में पकड़े गए अधिवक्ता समेत चार लोग, मामला जानकर दंग रह जाएंगे आप Gorakhpur News
देवरिया जिले के कोतवाली परिसर से चोरी गई एसओजी की बोलेरो के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। कुशीनगर जनपद के कसया में वकालत करने वाले अधिवक्ता समेत चार शातिर बदमाश को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायालय में पेश किया।
गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया जिले के कोतवाली परिसर से चोरी गई एसओजी की बोलेरो के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। कुशीनगर जनपद के कसया में वकालत करने वाले अधिवक्ता समेत चार शातिर बदमाश को गिरफ्तार कर पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया। हालांकि सरगना रोहित समेत दो बदमाश अभी भी फरार हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है।
28 मार्च की रात हुई थी चोरी
पुलिस लाइन सभागार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पुलिस अधीक्षक डा.श्रीपति मिश्र ने कहा कि 28 मार्च की रात एसओजी की चोरी हुई बोलेरो के मामले की तहकीकात में जुटी एसओजी को सूचना मिली कि कसया ओवरब्रिज के समीप बिना नंबर की स्कार्पियो खड़ी है, जिसमें बदमाश हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने बिना नंबर की स्कार्पियो पर सवार चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। इसमें कसया के अधिवक्ता विपिन कुमार तिवारी निवासी कुरमौटा मंझरिया थाना कसया, राकेश कुशवाहा निवासी अनिरुधवा थाना कसया, अंजनी सिंह निवासी खेमादेई थाना लार व शंभू पांडेय निवासी लोहटी थाना कटया जिला गोपालगंज बिहार शामिल हैं। बोलेरो रोहित ही चलाकर बिहार ले गया था। अंजनी पर लार थाने में हत्या, सदर कोतवाली में आर्म्स एक्ट, बिहार के मीरगंज में भी मुकदमा दर्ज है।
ऐसे बदमाशों ने दिया घटना को अंजाम
अधिवक्ता समेत चार बदमाश शहर के खरजरवा में एकत्रित हुए और एक मकान पर भोजन किया। इसके बाद लगभग 11 बजे राकेश कुशवाहा, अंजनी सिंह, विपिन व सरगना रोहित तिवारी एसओजी कार्यालय पहुंचे और वहां मौजूद दारोगा सुभाष यादव से एसओजी के एक दीवान के बारे में जानकारी ली। उसी दौरान वाहन की चाबी उठा लिया। मौका मिलते ही बोलेरो लेकर देवरिया शहर के जलकल रोड होते हुए कसया निकल गए। वहां अधिवक्ता व उसके चालक राकेश कुशवाहा को छोड़ने के बाद रोहित व अंजनी बोलेरो लेकर बिहार के कटया थाना क्षेत्र के लोहटी पहुंचे और वहां शंभू पांडेय व एक अन्य बदमाश से मुलाकात करने के बाद बोलेरो छोड़ कर चले आए।
एसओजी की बोलेरो होने की जानकारी पर परेशान हो गए थे बदमाश
उसी रात बदमाश देवरिया लौट आए और जब उनको यह जानकारी हुई कि वह बोलेरो एसओजी की है तो वह परेशान हो गए। पहले उन्हें लगा था कि वह बोलेरो किसी आम व्यक्ति की है। इसके बाद वह बोलेरो बिहार में रखने की बजाय नेपाल बेचने की तैयारी कर रहे थे।
कड़ी से कड़ी जोड़ती चली गई एसओजी
वारदात के पर्दाफाश के लिए एसओजी ने इलेक्ट्रानिक सर्विलांस का सहारा लेना शुरू किया तो चार मोबाइल नंबर संदिग्ध आने के बाद पुलिस ने उन नंबरों को खंगालना शुरू किया तो कसया, फिर पटहेरवा व गोपालगंज में उनका लोकेशन मिला। इतना ही नहीं, जिस दिन बोलेरो बरामद की गई, उस दिन भी इन सभी का लोकेशन कटया थाना क्षेत्र के उस गांव में ही रहा, जिस दिन बोलेरो बरामद की गई।