Move to Jagran APP

शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े में पूर्व मंत्री राम भुआल निषाद का नाम, होगी गिरफ्तारी Gorakhpur News

डीएम ने बताया कि जिसके लाइसेंस नंबर का इस्तेमाल हुआ है उसकी मौत भी हो चुकी है। इस बात की जांच में पुष्टि होने के बाद ही एफआइआर का आदेश दिया गया है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 07:58 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 07:58 AM (IST)
शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े में पूर्व मंत्री राम भुआल निषाद का नाम, होगी गिरफ्तारी Gorakhpur News
शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े में पूर्व मंत्री राम भुआल निषाद का नाम, होगी गिरफ्तारी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े में एक पूर्व मंत्री का भी नाम भी सामने आया है। पूर्व मंत्री ने दूसरे व्यक्ति के लाइसेंस नंबर का इस्तेमाल कर फर्जी लाइसेंस बनवाया और उस पर एक रायफल भी खरीद ली। पुलिस रिपोर्ट के बाद जब डीएम कोर्ट में मामले की जांच हुई तो प्रथम दृष्टया शस्त्र लाइसेंस फर्जी मिला। इसी आधार पर डीएम ने पूर्व मंत्री के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का आदेश जारी किया है।

loksabha election banner

फर्जी लाइसेंस से लिया राइफल

जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि एक से दो दिनों के भीतर पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद पर एफआइआर दर्ज हो जाएगी। पूर्व मंत्री ने बेचू यादव के लाइसेंस नंबर का प्रयोग कर फर्जी लाइसेंस बनवाया है और इस नंबर पर रायफल भी ले लिया।

जिसके नाम पर लिया लाइसेंस उसकी हो चुकी है मौत

डीएम ने बताया कि जिसके लाइसेंस नंबर का इस्तेमाल हुआ है, उसकी मौत भी हो चुकी है। इस बात की जांच में पुष्टि होने के बाद ही एफआइआर का आदेश दिया गया है।

इस प्रकरण में पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, पर उन्होंने फोन बिजी कर दिया। मैसेज कर पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। 

3912 लाइसेंस नंबर पर बना था फर्जी लाइसेंस

प्रभारी अधिकारी शस्त्र की आख्या के मुताबिक लाइसेंस संख्या 3912 डीबीबीएल गन के लिए बेचू यादव पुत्र महेंद्र यादव, मुंडेरा, बड़हलगंज के नाम से स्वीकृत है। ऐसे में इसी नंबर पर रामभुआल निषाद का रायफल स्वीकृत होना प्रथम दृष्टया संदिग्ध पाया गया है। इसी आधार पर डीएम ने पूर्व मंत्री पर मुकदमा कराने का निर्देश दिया है।

दारा निषाद ने डीएम से की थी शिकायत

पूर्व मंत्री के फर्जी शस्त्र लाइसेंस की शिकायत दारा निषाद ने डीएम से की थी। शिकायत में कहा कि यह लाइसेंस बेचू के नाम से स्वीकृत है। डीएम ने शिकायत की जांच कराई तो मामला सही निकला। इस पर डीबीबीएल शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.