यूपी चुनाव 2022 : अपनी पुरानी सीट से ही ताल ठोकेंगे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद
इटवा विधानसभा से माता प्रसाद पांडेय ने दो बार जीत की हैट्रिक लगाते हुए छह बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। माता प्रसाद पांडेय स्वास्थ मंत्री व दो बार विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। इनकी गणना सूबे के राजनीतिक धुरंधर में होती है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पूर्व विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय सिद्धार्थनगर की अपनी पुरानी सीट इटवा विधान सभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ेंगे। सपा ने इनके साथ ही डुमरियागंज विधान सभा सीट से सैय्यदा खातून और कपिलवस्तु से पूर्व विधायक विजय पासवान पर भरोसा जताया है। बांसी और शोहरतगढ़ विधान सभा क्षेत्र के लिए अभी किसी प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है।
सपा ने इस सीट से इन्हें बनाया उम्मीदवार
माता प्रसाद पांडेय
इटवा विधानसभा से माता प्रसाद पांडेय ने दो बार जीत की हैट्रिक लगाते हुए छह बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। माता प्रसाद पांडेय स्वास्थ मंत्री व दो बार विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। इनकी गणना सूबे के राजनीतिक धुरंधर में होती है। इन्होंने पहला चुनाव वर्ष 1980 में जनता पार्टी से लड़ा था और विजय प्राप्त की। 1985 के चुनाव में लोकदल से विजय प्राप्त की थी। 1989 के चुनाव में जनता दल से विजय प्राप्त किया। 1991 व 1996 के चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा। दोनों चुनाव में यह तीसरे स्थान पर रहे। 2002 के चुनाव में सपा प्रत्याशी के रूप में एक बार फिर विजय माला पहनी। 2007 व 2012 चुनाव में सपा के ही चुनाव चिन्ह से सदन में पहुंचे थे। 2017 चुनाव पराजय का सामना करना पड़ा था। इन्हें भाजपा से डा. सतीश द्विवेदी ने तीसरे पायदान पर पहुंचा दिया था। दूसरे नंबर पर बसपा से रहे अरशद खुर्शीद ने इसबार कांग्रेस का दामन थाम लिया है। बसपा ने भाजपा छोड़कर आए हरिशंकर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। इस बार के चुनाव में लड़ाई दिलचस्प होने की उम्मीद है।
विजय पासवान
दुबई में जमा जमाया व्यापार छोड़ कर राजनीति में उतरे पूर्व विधायक विजय पासवान पर सपा ने एक बार फिर से विश्वास दिखाया है। सपा ने वर्ष 2012 के चुनाव में कपिलवस्तु (सुरक्षित) सीट से विजय कुमार पासवान को मैदान में उतारा था। भाजपा के धुरंधर व कैबिनेट मंत्री श्रीराम चौहान को पराजित करके सदन में पहुंचे थे। 2017 के चुनाव में दूसरे स्थान पर रहते हुए 75 हजार से अधिक मत प्राप्त किया था। इसके बाद से वह लगातार क्षेत्र में जमे रहे। स्थानीय स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने में जुटे थे। टिकट के लिए मची होड़ के बीच वह लगातार क्षेत्र में सक्रिय बने हैं।
सैय्यदा खातून
डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक दबदबा रखने वाले तौफीक अहमद की पुत्री सैय्यदा खातून पर सपा ने विश्वास दिखाया है। हाल में ही बसपा का साथ छोड़ कर साइकिल पर सवार हुई हैं। सैय़यदा खातून के के पिता तौफीक अहमद व माता खातून तौफीक विधायक रह चुके हैं। अब इन्होंने राजनीतिक विरासत को संभाला है। सैय्यदा खातून ने पहला चुनाव बसपा प्रत्याशी के रूप में लड़ा था। दूसरे स्थान पर रहते हुए इन्हें 1589 मत से पराजय का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2017 में दूसरे चुनाव में भाजपा के राघवेंद्र प्रताप सिंह के हाथों महज 171 मत से पराजित हुई थीं।