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ड्रोन कैमरे से तेंदुए की तलाश में जुटा वन विभाग

वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह ने बताया कि जंगल को ड्रोन कैमरे से खंगाला जा रहा है कहीं तेंदुए की झलक नहीं दिखी है। बालक के मृत शरीर के स्थान पर भी पड़ताल की गई। जंगल से गांव को जोड़ने वाले कच्चे मार्गों व आसपास की जांच में अभी तक कहीं भी तेंदुए के पंजे के निशान उभरते हुए नहीं दिखाई दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 01:07 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 01:07 AM (IST)
ड्रोन कैमरे से तेंदुए की तलाश में जुटा वन विभाग
ड्रोन कैमरे से तेंदुए की तलाश में जुटा वन विभाग

महराजगंज: नौतनवा थाना क्षेत्र के सेमरहवा गांव में गुरुवार शाम तेंदुए के हमले से बालक की मौत के बाद से ही वन विभाग की टीम गांव में डेरा डाले हुए है। उत्तरी चौक रेंज के जंगल में शुक्रवार सुबह वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह की अगुवाई में आठ सदस्यीय टीम गांव से लेकर घने जंगलों में पड़ताल में लगी है। ड्रोन कैमरे से तेंदुए की तलाश युद्ध स्तर पर चल रही है। वनकर्मी जाल समेत अन्य सुरक्षा के हथियार लेकर सतर्क हैं। लेकिन अभी कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगे हैं।

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वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह ने बताया कि जंगल को ड्रोन कैमरे से खंगाला जा रहा है, कहीं तेंदुए की झलक नहीं दिखी है। बालक के मृत शरीर के स्थान पर भी पड़ताल की गई। जंगल से गांव को जोड़ने वाले कच्चे मार्गों व आसपास की जांच में अभी तक कहीं भी तेंदुए के पंजे के निशान उभरते हुए नहीं दिखाई दिए हैं। उन्होंने ग्रामीणों को सुझाव दिया कि सावधानी से कामधाम करें, अकेले नहीं झुंड में चले। टीम में वन दरोगा प्रशांत सिंह चौहान, बीट प्रभारी राजेंद्र, कपिल मुनि मिश्रा, शिव शंकर उपाध्याय, हीरालाल आदि हैं।

सेमरहवा गांव में पहरेदारी करते ग्रामीणों की गुजर गई रात

नौतनवा थानाक्षेत्र के सेमरहवा गांव के पास गुरुवार की शाम को जंगल से अचानक निकले तेंदुए के हमले से सात वर्षीय बालक छोटेलाल की मौत पर पूरा गांव गमगीन है। वहीं दूसरी तरफ दहशत का माहौल है, जहां पूरी रात ग्रामीणों को नींद नहीं आई, बच्चों को घरों में सुला बाहर पहरेदारी करते रहे, लोगों में संदेह है कि तेंदुआ के मुंह में इंसान का खून लग गया, कहीं वह फिर आत्मघाती हमला न कर दें। ग्राम सभा सेमरहवा चार टोलों में विभक्त 4500 आबादी वाला गांव जंगल से सटे है। अभी तक इस गांव में किसी जंगली जानवर से इंसान की मौत नहीं हुई, जबकि महीने नहीं बीतते मुर्गी व बकरी अक्सर उनके शिकार हो जाते हैं। तेंदुए का शिकार हुआ बालक छोटेलाल के दो बड़े भाई बाबू राम व परशुराम उसी गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के कक्षा सात के छात्र हैं, लेकिन छोटे लाल अभी स्कूल नहीं जाता था। पिता मनोज राजभर खेतीबाड़ी करते हैं।

तेंदुए के हमले में गोवंश की भी हुई थी मौत

सेमरहवा गांव में तेंदुए के हमले से गुरुवार को जहां एक सात वर्षीय बालक की मौत हो गई, वहीं उसी गांव के निवासी रामकेश की गाय भी चपेट में आ गई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। रेजर मोहन सिंह ने बताया कि रात में जांच के दौरान जंगल में मृत गाय बरामद की गई है। इसकी पहचान रामकेश के गाय के रूप में हुई है।


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