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ग्रामीणों ने अपनी सुविधा के लिए फोरलेन पर 70 किमी में सौ स्थानों पर काट दिए डिवाइडर, बढ़ गए हादसे

गोरखपुर-लखनऊ हाईवे को बस्‍ती जिले में ग्रामीणों ने अपनी सुविधा के लिए किमी में सौ से अधिक स्‍थानों पर काट दिया है। इससे हादसों की संख्‍या बढ गई है। आए दिन फोरलेन पर दुर्घटनाएं हो रही हैं। 30 दिन में 19 की जान जा चुकी है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 10:05 AM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 10:05 AM (IST)
ग्रामीणों ने अपनी सुविधा के लिए फोरलेन पर 70 किमी में सौ स्थानों पर काट दिए डिवाइडर, बढ़ गए हादसे
ग्रामीणों ने जगह-जगह काट दिया है फोरलेन का डिवाइडर। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, एसके सिंह। बस्ती जिले में कांटे से घघौआ तक 70 किमी फोरलेन पर सौ से अधिक जगहों पर ग्रामीणों ने अपनी सुविधा के लिए डिवाइडर काट दिए गए हैं। जिससे आए दिन हादसे हो रहे हैं। यह फोरलेन खतरों का सफर बन गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) का सुरक्षित और आरामदायक सफर का स्लोगन बेमानी साबित हो रहा है।

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टोल वसूलने वाली फर्म नहीं दे रही ध्‍यान

सड़क के रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी टोल वसूल करने वाली कंपनी गोरखपुर-अयोध्या टोल्स प्राइवेट लिमिटेड की है। यह कंपनी टोल वसूल करने में आगे है लेकिन सुविधाओं के मामले में पीछे। एनएचएआइ के अफसरों की डांट फटकार भी अब टोल प्रबंधन पर बेअसर है। कांटे से लेकर मड़वानगर टोल प्लाजा तक 40 जबकि फुटहिया से लेकर घघौआ तक 60 से अधिक स्थानों पर सुरक्षा के लिए बनाए गए डिवाइडर काट दिए गए हैं। आसपास के लोगों ने अपनी सुविधा के लिए ऐसा किया है।

जल्‍दी आने-जाने के लिए काटे गए हैं डिवाइडर

जल्दी आने-जाने के चक्कर में स्थानीय लोग अवैध डिवाइडर कट से होकर एक लेन से दूसरी तरफ की लेन में आ जा रहे हैं। तेज रफ्तार चलने वाले वाहन आए दिन इन्हें बचाने के चक्कर में अनियंत्रित होकर हादसे का शिकार हो रहे हैं। इतना ही नहीं हाईवे किनारे बालू, मोरंग और गिट्टी की पचास से अधिक दुकानें चल रही हैं। इतनी ही संख्या में ढाबे हैं। हाईवे किनारे ढाबों पर शाम होते ही वाहनों की लाइन लग जाती है। अक्सर लोग हाईवे पर ही वाहन पार्क कर भोजन करते हैं। जिम्मेदार अधिकारी आंखमूंद तमाशबीन की भूमिका में हैं।

तीस दिन में तीस हादसे, 19 की चली गई जान

फोरलेन पर छोटे हादसे प्रतिदिन चार से पांच की संख्या में हो रहे हैं। बड़े हादसे की बात करें तो तीस दिन में 21 ऐसी दुर्घटनाएं हुई जिसमें 19 की जान चली गई। इन घटनाओं में नौ लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इतने के बाद भी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए फोरलेन के निर्माण में खामियों को दूर करने की पहल नहीं की गई है। फोरलेन पर 70 किमी में 28 ब्लैक स्पाट चिन्हित किए गए हैं।

डिवाइडर काटना गंभीर

जिलाधिकारी सौम्‍या अग्रवाल मानती हैं कि फोरलेन पर सुरक्षा के लिए बनाया गया डिवाइडर काटा जाना गंभीर विषय है। इसे ठीक कराने के लिए एनएचएआइ को पत्र लिखा जाएगा। साथ ही डिवाइडर काटने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

जल्‍दी ठीक कराया जाएगा डिवाइडर

एनएचआइ के पीडी सीएम द्विवेदी ने बताया कि सुरक्षा के लिए बनाए गए डिवाइडर निजी सुविधा के लिए काट देना गलत है। फोरलेन पर जितने भी अनधिकृत डिवाइडर कट हैं उनको जल्द की बंद करा दिया जाएगा।


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