Ayodhya Ram Mandir News: राम मंदिर के लिए यहां 2019 से जारी है राम-नाम जप, वर्ष 2031 में होगा समापन
Ayodhya Ram Mandir News अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए यूपी के बस्ती जिले में वर्ष 2019 से राम नाम का जप हो रहा है।
एसके सिंह, बस्ती। भंजेऊ राम आपु भव चापू, भव भय भंजन नाम प्रतापू। यानी श्रीराम जी ने तो स्वयं शिवजी के धनुष को तोड़ा लेकिन उनके नाम का प्रताप ही दुख और भय का नाश करने वाला है।
श्रीराम चरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम की जिस महिमा का वर्णन किया है वही प्रेरणा बनकर श्रीराम मंदिर के निर्माण की बाधाएं दूर करने के लिए मंत्र के रूप में प्रयुक्त हो रहा है। श्रीराम के जन्म का हेतुक बने मखौड़ा धाम के राम जानकी मंदिर में पिछले वर्ष (12 नवंबर 2019) की कार्तिक पूर्णिमा से राम-नाम का जप अनुष्ठान चल रहा है।
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्विघ्न पूर्ण हो, इसके निमित्त ही जप चल रहा है,जो वर्ष 2031 की कार्तिक पूर्णिमा तक जारी रहेगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार बस्ती जिले का मखौड़ाधाम ही वह स्थल है, जहां त्रेतायुग में राजा दशरथ ने अपनी तीनों रानियों कौशल्या, कैकेेयी और सुमित्रा के साथ पुत्रेष्टि यज्ञ किया था।
अनुष्ठान के सूत्रधार अयोध्या दशरथ महल व मखौड़ा धाम राम जानकी मंदिर के बिंदु गद्दाचार्य महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य जी का तर्क है कि राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ 12 महीने तक किया था। इसीलिए यह अनुष्ठान हम बारह वर्षों तक चलाएंगे। जप अनुष्ठान को मुख्य पुजारी सूर्य नारायण वैदिक,पुजारी राम नारायण दास के अलावा मंदिर में रहने वाले साधु संत छोटू दास,नीरज दास, ननक दास, राम कृष्ण दास, अभिजीत दास संचालित कर रहे हैं। इसमें पड़ोसी गांवों के परशुराम पांडेय, उमेश चन्द्र मद्देशिया, कुलदीप पांडेय, सत्य प्रकाश पाठक, साहब पाठक, अशोक वर्मा, कौशलेंद्र सिंह, अनिल सिंह सहित 250 परिवारों का भी पूरा सहयोग है।
मंदिर में हर्षोल्लास का माहौल
9 नवंबर 2019 को अयोध्या के रामजन्म भूमि मंदिर के 134 साल पुराने विवाद का पटाक्षेप हुआ। इसके बाद मंदिर निर्माण की राह में कोई बाधा न आए, इसके लिए अयोध्या दशरथ महल व मखौड़ा धाम राम जानकी मंदिर के महंत बिंदु गद्दाचार्य देवेंद्र प्रसादाचार्य जी ने यहां कार्तिक पूर्णिमा 12 नवंबर 2019 को राम नाम जप का अनुष्ठान शुरू कराया। तब से लगातार यह जप 24 घंटे चल रहा है। प्रतिदिन मंदिर परिसर में हवन पूजन होता ही है,साथ ही दोपहर और शाम को भंडारा। जिसमें लोग प्रसाद ग्रहण करते हैं। मंदिर में होने वाले इस आयोजन से आसपास का पूरा वातावरण भक्तिमय है। लोग काफी रोमांचित और हर्षित हैं। मंदिर के पुजारी सूर्य नरायन दास वैदिक ने बताया करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केन्द्र, सबके पालनहार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान अब अपनी जन्मभूमि से अलौकिक आभा बिखरेंगे।