CCTV होने पर ही अब स्कूल बसों का बनेगा फिटनेस सर्टिफिकेट Gorakhpur News
परिवहन विभाग ने स्कूल बसों की मॉनीटरिंग और बढ़ा दी है। शासन के दिशा-निर्देश पर विभाग ने स्कूल बसों में सीसी कैमरा सीट बेल्ट स्पीड गवर्नर और जीपीएस अनिवार्य कर दिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। परिवहन विभाग ने स्कूल बसों की मॉनीटरिंग और बढ़ा दी है। शासन के दिशा-निर्देश पर विभाग ने स्कूल बसों में सीसी कैमरा, सीट बेल्ट, स्पीड गवर्नर और जीपीएस अनिवार्य कर दिया है। इनके अभाव में अब विभाग में बसों का फिटनेस प्रमाण नहीं बनेगा।
दर्ज होगी एफआइआर
एआरटीओ (प्रशासन) श्याम लाल ने बताया कि नई व्यवस्था को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। दरअसल, अनिवार्यता के बाद भी स्कूल प्रबंधन इन आवश्यक उपकरणों की अनदेखी कर रहे हैं। ऐसे में उपकरण लगने के बाद ही फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। रास्ते में अनफिट स्कूल बस पकड़े जाने पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। अनफिट बसों से दुर्घटना होने पर विद्यालय प्रबंधक व प्रधानाचार्यों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
स्कूल बसों के मानक
अग्निशमन यंत्र व फस्र्ट ऐड बाक्स जरूरी।
अधिकतम गति 40 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं।
आरामदेह सीट, सेफ्टी बेल्ट और आर्मरेस्ट अनिवार्य।
सीएनजी स्कूल वाहनों का त्रैमासिक चेकिंग अनिवार्य।
प्रेशर हार्न या टोनल साउंड सिस्टम पूरी तरह प्रतिबंधित।
बैठने की क्षमता से डेढ़ गुना से अधिक ब'चे नहीं बैठेंगे।
चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस व्यावसायिक होना अनिवार्य।
बिना रजिस्ट्रेशन के एक भी वाहन नहीं चलाए जाएंगे।
तीन माह के लिए निलंबित 55 स्कूल बसों का निरस्त होगा पंजीयन
अनफिट स्कूल बसों के खिलाफ परिवहन विभाग ने और सख्ती बढ़ा दी है। तीन माह के लिए निलंबित 55 स्कूल बसों का पंजीयन निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। पंजीयन निरस्त होने के बाद भी अगर बसें पकड़ी जाती हैं तो चालान होगा। विभागीय कार्रवाई के बाद जुर्माना भी लगाया जाएगा।
नोटिस का नहीं लिया संज्ञान
एआरटीओ (प्रशासन) श्याम लाल के अनुसार गहन पड़ताल के बाद अगस्त में अनफिट 55 स्कूल बसों को तीन माह के लिए निलंबित कर दिया गया था। नोटिस दी गई थी कि तीन माह बाद हर हाल में विभाग से फिटनेस प्रमाण पत्र बनवा लें। 20 नवंबर को तीन माह पूरे हो गए हैं ऐसे में अब निलंबित बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र बनना शुरू हो गया है। इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं बनवाते हैं तो पंजीयन हमेशा के लिए निरस्त कर दी जाएगी।
जून में हुई थी जांच
एआरटीओ के अनुसार जून में अभियान चलाकर स्कूल बसों की जांच कराई गई थी। जिसमें 105 बसें अनफिट पाई गईं। विभाग ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर 26 जून से 20 जुलाई तक फिटनेस प्रमाण पत्र बनवाने का समय दिया था। इसके बाद भी सिर्फ 50 स्कूल बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र बना। शेष 55 ने आवश्यक नहीं समझा।
जुर्माना माफ होने के बाद भी नहीं बनवाया फिटनेस
शासन के दिशा-निर्देश पर परिवहन विभाग ने फिटनेस प्रमाण पत्र समाप्त होने के बाद रोजाना 50 रुपये लगने वाला जुर्माना माफ कर दिया है। इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन गाडिय़ों के फिटनेस प्रमाण पत्र को लेकर उदासीन बने हुए हैं।