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UP : गोरखपुर में पहली सिक्स लेन सड़क, लिंक एक्सप्रेस वे भी मिला Gorakhpur News

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने का गोरखपुर को बहुत फायदा हुआ है। योगी के सीएम बनने के बाद गोरखपुर शहर की पहली सिक्स लेन सड़क का रास्ता साफ हो गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 09:23 AM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 07:28 AM (IST)
UP : गोरखपुर में पहली सिक्स लेन सड़क, लिंक एक्सप्रेस वे भी मिला Gorakhpur News
UP : गोरखपुर में पहली सिक्स लेन सड़क, लिंक एक्सप्रेस वे भी मिला Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद गोरखपुर शहर की पहली सिक्स लेन सड़क का रास्ता साफ हो गया है।  प्रस्ताव को व्यय वित्त समिति ने मंजूरी दे दी है। अब केवल शासनादेश निकलना बाकी है। नौसढ़ से पैडलेगंज तक 5.4 किलोमीटर की यह सड़क 74.31 करोड़ की लागत से बनेगी। लखनऊ व बनारस से आने वाले सभी वाहन इस सड़क से होकर शहर में आते हैं, इसलिए इस रोड पर वाहनों का भारी दबाव रहता है। सड़क फोरलेन है, फिर भी जाम की समस्या बनी रहती है। सिक्स लेन सड़क बन जाने से जहां शहर का प्रवेश द्वार खूबसूरत हो जाएगा, वहीं जाम की समस्या से भी मुक्ति मिल जाएगी।

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पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे मिला

पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे का रास्ता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में ही साफ हुआ। इस वे पर एक हजार हेक्टेयर भूमि में आर्थिक गलियारा बनाया जाएगा, इसके लिए राज्य सरकार ने दो सौ करोड़ रुपये प्रदान किया है। साथ ही वे के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। साफ-सफाई कर सड़क की चौड़ाई चिह्नित की जा रही है। कुल 91 किलोमीटर लंबाई में 5876 करोड़ रुपये फोरलेन सड़क बनाई जाएगी। स्ट्रक्चर सिक्स लेन का बनेगा ताकि भविष्य में चौड़ाई बढ़ाई जा सके।

मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद एनएचएआइ ने कसी नकेल, चेयरमैन को आना पड़ा

गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण अक्टूबर 2019 में पूर्ण हो जाना चाहिए था। निर्धारित अवधि के चार माह बाद भी मात्र 35 फीसद काम हुआ है। कार्यदायी एजेंसी की सुस्ती, नागरिकों पर भारी पडऩे लगी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद कार्यदायी संस्था भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने एजेंसी की नकेल कसी तो चेयरमैन को यहां आना पड़ा। संतोषजनक प्रगति दिखाने की समय सीमा एनएचएआइ ने दी है। इसके संतोषजनक न होने पर बड़ी कार्रवाई भी हो सकती है।

इस फोरलेन का निर्माण अप्रैल 2017 में शुरू हुआ। बड़हलगंज से गोरखपुर तक रोड बननी बाकी है। केवल गगहा से भलुआन तक दो किलोमीटर सड़क निर्माण हो सका है। बड़हलगंज बाइपास में लगभग 25 फीसद व कौड़ीराम बाइपास में लगभग 50 फीसद काम अभी बाकी है। इसके अलावा मुख्य रोड के सात अंडरपास भी अधूरे हैं।

चलने लायक नहीं है सड़क, दुश्वारी

गोरखपुर से बड़हलगंज तक नागरिकों की राह मुश्किल हो गई है। दरअसल पुरानी टू लेन सड़क को फोरलेन बनाने का कार्य चल रहा था। कार्यदायी एजेंसी ने अनेक जगहों पर पुरानी टू लेन को खोद दिया और दोनों तरफ जो एक-एक लेन सड़क चौड़ी की जानी है, उसमें मिट्टी व गिट्टी डाल दिया। ऐसे में सड़क बिल्कुल चलने लायक नहीं रह गई है। कसिहार से भरवल तक लगभग डेढ़ किमी रोड पूरी तरह खराब है। बभनौली व चौतीसा के बीच में भी रोड चलने लायक नहीं रह गई है।

कार्यदायी एजेंसी की सुस्ती का मामला हेडक्वार्टर तक पहुंच चुका है। दो अप्रैल तक उसे संतोषजनक प्रगति दिखाने का समय दिया गया है। ऐसा नहीं कर पाने पर उसके खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। - श्री प्रकाश पाठक, परियोजना प्रबंधक, एनएचएआइ


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