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बिजली चोरी करने वाले मैनेजर व दो ठीकेदारों पर एफआइआर Gorakhpur News

गीडा में इंडियन आयल के बॉटलिंग प्लांट में मैनेजर संजीव कुमार ने 19 नवंबर 2016 को पांच किलोवाट का तीन माह के लिए अस्थाई बिजली कनेक्शन लिया था।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 05:35 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 05:35 PM (IST)
बिजली चोरी करने वाले मैनेजर व दो ठीकेदारों पर एफआइआर Gorakhpur News
बिजली चोरी करने वाले मैनेजर व दो ठीकेदारों पर एफआइआर Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गीडा स्थित इंडियन आयल कारपोरेशन (आइओसी) के बॉटलिंग प्लांट में बिजली चोरी का मामला सामने आया है। बिजली निगम की विजिलेंस टीम ने तीन महीने के अस्थाई कनेक्शन पर तकरीबन चार साल से बिजली जलाने का मामला पकड़ा है। कनेक्शन पर निर्धारित से तकरीबन चार गुना ज्यादा लोड मिला। बिजली बिल का भुगतान भी नहीं किया गया है। विजिलेंस टीम ने प्लांट के मैनेजर और दो ठीकेदारों के खिलाफ बिजली चोरी की एफआइआर दर्ज की है। तकरीबन चार साल से बिजली चोरी के बाद भी बिजली निगम के अफसरों को इसकी जानकारी न होना व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है।

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सिर्फ तीन माह के लिए वैध था कनेक्‍शन

गीडा में इंडियन आयल के बॉटलिंग प्लांट में मैनेजर संजीव कुमार ने 19 नवंबर 2016 को पांच किलोवाट का अस्थाई बिजली कनेक्शन लिया था। यह कनेक्शन सिर्फ तीन महीने के लिए वैध था। इसके बाद नवीनीकरण शुल्क जमा कर वैधता बढ़ाई जा सकती थी लेकिन प्लांट की ओर से वैधता बढ़ाने के लिए आवेदन नहीं किया गया। इसी तरह प्लांट का काम कराने वाले ठीकेदार रङ्क्षवद्र कुमार और राजेश नायक ने क्रमश: पांच व 15 किलोवाट का अस्थाई कनेक्शन लिया लेकिन इसे स्थाई नहीं कराया। रङ्क्षवद्र कुमार ने छह जनवरी 2018 से पांच जून 2018 तक के लिए पांच किलोवाट और राजेश ने 10 मई 2016 से 10 नवंबर 2016 तक के लिए 15 किलोवाट का अस्थाई कनेक्शन लिया था।

जांच करने पर मिला चार गुना ज्यादा लोड

विजिलेंस इंस्पेक्टर निर्भय नारायण सिंह ने बताया कि बॉटलिंग प्लांट परिसर की जांच की गई तो परिसर में निर्धारित 20 किलोवाट से तकरीबन चार गुना ज्यादा लोड मिला। अस्थाई कनेक्शन पर बिजली जलाना भी दंडनीय है। इस संबंध में इंडियन आयल के बॉटलिंग प्लांट के मैनेजर संजीव कुमार से पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। कहा कि मुझे कोई जानकारी नहीं है। रात में मुझे फोन न करें।

एक करोड़ से ज्यादा हो सकता है जुर्माना

वर्ष 2016 से अस्थाई कनेक्शन पर बिजली जलाने के मामले में प्रवर्तन बल की कार्रवाई के बाद शमन शुल्क निर्धारित किया जा रहा है। माना जा रहा है कि परिसर में बिजली चोरी के मामले में तकरीबन एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। विजिलेंस टीम में अवर अभियंता आरपी गुप्ता, अमित कुमार चौधरी, मनोज कुमार चौरसिया, रविंद्र यादव, अनूप कुमार तिवारी शामिल रहे। बॉटलिंग प्लांट का उद्घाटन पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया था। अगले महीने प्लांट शुरू होने की उम्मीद है।

जेई, एसडीओ की सक्रियता पर सवाल

इंडियन आयल के बॉटलिंग प्लांट में जो काम वहां के जेई और एसडीओ को करना चाहिए था वह काम विजिलेंस ने किया। तकरीबन चार साल से अस्थाई कनेक्शन पर बिजली चल रही थी लेकिन किसी अफसर ने इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया। और तो और बिजली का बिल भी नहीं जमा हुआ। विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता सोमदत्त शर्मा कार्रवाई को लेकर असमंजस में दिखे। उनका कहना है कि बिजली चोरी नहीं बल्कि यह अनियमिता है। इंडियन आयल ने जुर्माना के साथ रुपये जमा कर दिए हैं। जेई और एसडीओ के खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह भी देखेंगे लेकिन सबसे पहले पैसा जमा कराना जरूरी था। इंडियन आयल के बॉटलिंग प्लांट में तीन महीने के अस्थाई कनेक्शन पर कई महीने से अवैध रूप से बिजली जलाई जा रही थी। साथ ही निर्धारित से कई गुना ज्यादा लोड मिला। मैनेजर संजीव कुमार, ठीकेदार रविंद्र और राजेश के खिलाफ विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत एफआइआर दर्ज करा दी गई है। 


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