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श्रीश्री का उद्घोष,-'जीवन को जानें'

गोरखपुर : पूर्वाचल में निकली ओम अनुग्रह यात्रा में मंगलवार को श्रीश्री रविशंकर के शब्दों के रूप

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Feb 2018 01:51 AM (IST)Updated: Wed, 28 Feb 2018 01:51 AM (IST)
श्रीश्री का उद्घोष,-'जीवन को जानें'
श्रीश्री का उद्घोष,-'जीवन को जानें'

गोरखपुर : पूर्वाचल में निकली ओम अनुग्रह यात्रा में मंगलवार को श्रीश्री रविशंकर के शब्दों के रूप जिंदगी के बड़े सरोकारों और जीवन मूल्यों के मंत्रों की कृपा बरसी। वाराणसी से शुरू हुई 230 किमी की इस आध्यात्मिक यात्रा में श्रीश्री ने जगह-जगह भक्तों को जीवन को विशाल नजरिए से देखने और उसे जानने का मंत्र भी दिया। श्रीश्री ने किसानों को जैविक खेती अपनाकर जमीन को जिंदगी देने का आह्वान किया तो दहेज न लेने-देने और महिलाओं को सशक्त बनाने का संकल्प भी दिलाया। इस दौरान एक भक्त के सवाल पर उन्होंने मंदिर के मुद्दे पर भी अपना नजरिया स्पष्ट किया-'मंदिर दोनों पक्षों की सहमति से ही बनेगा।'

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पूर्वाचल में मंगलवार को काशी से लेकर गोरखपुर तक श्रीश्री के शब्दों के रूप में अध्यात्म और जीवन के मूल मंत्रों की सरिता बही। श्रीश्री के नेतृत्व में काशी में संत समागम के बाद एक हजार से अधिक लोगों के साथ चली विशेष ट्रेन के भीतर देश-विदेश से आये अनुयायियों ने भजन-कीर्तन के साथ माहौल को रास्ते भर आध्यात्मिक बनाए रखा। पहला पड़ाव मऊ स्टेशन था। यहां श्रीश्री ट्रेन से बाहर निकलकर स्टेशन के नजदीक बनाए गए पंडाल में भक्तों के बीच पहुंचे। वहां किसानों को उन्होंने जैविक खेती का संदेश दिया। उनकी इस आध्यामिक यात्रा का यह मूल उद्देश्य भी था कि उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच देशी बीज बचाने का अभियान चलाया जाए। उन्होंने गेहूं की बालियां दिखाकर बताया कि जैविक खेती से चार गुना अधिक फसल की पैदावार की जा सकती है। इसमें आर्ट आफ लिविंग से जुड़े लोग सहयोग भी करेंगे। किसानों को उन्होंने नशे से दूर रहने का भी संकल्प दिलाया।

दूसरा पड़ाव देवरिया, देवरहा बाबा की पावन धरती पर पहुंचकर श्रीश्री भावुक हो उठे। उन्होंने अपनी बातों को देवरहा बाबा के संस्मरणों से जोड़कर स्थानीय लोगों से भावनात्मक रिश्ता भी जोड़ा कि बाबा ने उन्हें 18 साल की उम्र में ही आशीर्वाद दिया था कि आपकी सुगंध पूरी दुनिया में फैलेगी। उन्होंने जीवन को तनावमुक्त करने के गुर भी बताए कि ईश्वर में विश्वास रखें और योग साधना करें। भारत को पूरी दुनिया की नाभि यानी केंद्र की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अधिकांश भगवानों का अवतार हुआ। यहां भ्रष्टाचार और अपराध नहीं होना चाहिए। लोगों से कहा कि जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण दूर करने में अपना पूरा योगदान दें।

गोरखपुर में गोरक्षधाम पहुंचकर श्रीश्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उन्हें मानव मूल्यों के प्रति अपनी चिंताओं से अवगत कराया। यहां सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में भक्त उनकी एक झलक पाने को आतुर थे। उन्होंने इस बात की सराहना भी की कि प्रदेश सरकार ने जीवन मूल्यों की दिशा में सार्थक कदम उठाए हैं। श्रीश्री की अनुग्रह यात्रा बुधवार को गोरखपुर से लखनऊ के लिए प्रस्थान करेगी।

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