खेती के सहारे गांव में ही रोजगार पैदा कर रहे किसान रामकुंडल Gorakhpur News
महराजगंज के नौतनवां विकास खंड क्षेत्र के बेलहिया गांव के किसान रामकुंडल गौड़ ने गांवों से बढ़ते पलायन को रोकने के लिए उन्नत खेती को आमदनी का जरिया बना लिया। न केवल जिंदगी खुशहाल बना रहे है बल्कि दूसरों को भी बेहतर जिंदगी गुजारने का गुर सीखा रहे हैं।
शैलेंद्र त्रिपाठी, गोरखपुर :रोजगार के लिए गांवों से बढ़ते पलायन को रोकने के लिए कुछ किसानों ने उन्नत खेती को आमदनी का बेहतरीन जरिया बना लिया। खेत में कड़ी मेहनत कर वह न केवल अपनी जिंदगी खुशहाल बना रहे है, बल्कि दूसरों को भी हंसती खिलखिलाती जिंदगी गुजारने का गुर सीखा रहे हैं। इसका एक बेहतरीन नमूना पेश किया है महराजगंज जिले के नौतनवां विकास खंड क्षेत्र के बेलहिया गांव के किसान रामकुंडल गौड़ ने। घर की माली हालत देख रोजगार की तलाश में दिल्ली पहुंचे तो सब्जी की खेती का काम मिला। फिर तीन माह बाद ही घर वापस लौटकर थोड़ी से पैतृक भूमि में सब्जियों को उगाना शुरू कर दिया। बेहतर आय देख हौसला बढ़ा तो स्वजन ने भी हाथ बंटाना शुरू कर दिया। अब दोनों बेटे विभूति व विक्रम भी सब्जी के कारोबार से जुड़ गए हैं । नतीजा है कि उनका 12 सदस्यों का भरा-पूरा परिवार सब्जी की खेती पर ही पूरी तरह आत्मनिर्भर हो गया है। इससे मिलने वाली आमदनी से उनकी खुद की भूमि का रकबा बढ़ता चला जा रहा है।
खुद सब्जियां बेचकर दूसरों को दे रहे सीख
रामकुडंल गौड़ द्वारा तैयार मौसमी सब्जियां आसपास के बाजरों में अच्छी खासी मांग है। बड़े पैमाने पर थोक के भाव सब्जियां खेत से ही बिक जाती हैं। फिर भी गांव के चौराहे पर खुद की उगाई सब्जियों को बेचकर वह काफी आनंदित महसूस करते हैं। इनके मेहनत व लगन को देखकर बेलहिया निवासी सुदर्शन बड़हरा निवासी ओमप्रकाश, सत्ते भारती, रामसेवक जैसे दूसरे किसानों को भी खेती से खुशहाल जिंदगी जीने का रास्ता मिल गया है।
सुरक्षा घेरा बनाकर करते हैं सब्जियों की रखवाली
जंगल के समीप सब्जियों को उगाने में रामकुंडल गौड़ के सामने कई चुनौतिया भी आईं, लेकिन उनके हौसले को डिगा नहीं सकी। उनका कहना है कि ठंड के मौसम में बैगन, गोभी की फसल उगाते हैं। जंगली जानवरों से रखवाली के लिए खेत के चारों तरफ सुरक्षा घेरा बनाते हैं और खुद भी फसल की रखवाली के लिए खेत में रात गुजारते हैं।