PM Narendra Modi ने कहा- रामगुलाब जी, आपके द्वारा महराजगंज में क्रांति आएगी
प्रधानमंत्री ने किसान के इस कदम को महराजगंज के लिए क्रांतिकारी पहल बताते हुए कहा कि जिस तरह से रामगुलाब अपने साथ तीन सौ अन्य किसानों को जोड़ कर आगे बढ़ रहे हैं वह देश के लिए नजीर है।
गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज जनपद के वनटांगिया गांव (ग्राम बरगदवा राजा) के किसान रामगुलाब के जीवन में 25 दिसंबर का दिन ऐतिहासिक रहा। उन्होंने जो सपने में भी नहीं सोचा था, वह हकीकत में बदल गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आनलाइन बात कर रामगुलाब का मन गदगद हो गया और दिल के तार झंकृत हो उठे। एनआइसी महराजगंज में सांसद पंकज चौधरी, जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार, पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता, मुख्य विकास अधिकारी पवन अग्रवाल, अपर जिलाधिकारी कुंज बिहारी अग्रवाल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट साईं तेजा सिलम के साथ किसान रामगुलाब उपस्थित रहे।
संवाद कार्यक्रम शुरू होते ही स्क्रिन पर प्रधानमंत्री का चेहरा सामने आते ही रामगुलाब के मन में चंद मिनट में अनेक सवाल उछलने लगे कि न जाने प्रधानमंत्री क्या बात करेंगे, लेकिन जैसे ही उनका नंबर आया तो प्रधानमंत्री को बड़ी बेबाकी से अपना परिचय दिया। प्रधानमंत्री ने सबसे पहले किसान रामगुुलाब को प्रणाम कर उनका अभिवादन किया। फिर सवाल-जवाब का सिलसिला 4.21 मिनट तक चलता रहा। पीएम ने उनकी सफलता व कृषि क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के संबंध में बड़े सलीके से सवाल पूछे। रामगुलाब ने भी प्रधानमंत्री की बातों का उत्तर दें उनकी जिज्ञासा को शांत किया। रामगुलाब ने नए किसान सुधार कानून को हितकर बताया । प्रधानमंत्री ने किसान के इस कदम को महराजगंज के लिए क्रांतिकारी पहल बताते हुए कहा कि जिस तरह से रामगुलाब अपने साथ तीन सौ अन्य किसानों को जोड़ कर आगे बढ़ रहे हैं वह देश के लिए नजीर है। प्रस्तुत है 4.21 मिनट के बातचीत के प्रमुख अंश।
प्रधानमंत्री- रामगुलाब जी नमस्ते।
रामगुलाब- प्रणाम सर, आपके चरणों में। हमारा नाम रामगुलाब है। मैं वनग्राम के बरगदवा राजा, जिला महराजगंज, उत्तर प्रदेश का छोटा किसान हूं। मेरे पास महोदय 1.5 एकड़ जमीन है, जिस पर धान, गेहूं, एवं सब्जी की खेती करता हूं। मेरे परिवार में महोदय मेरे माता-पिता, एवं तीन बच्चे एवं उनकी बहुएं भी आ चुकी हैं। कुल दस परिवार के साथ हम रहते हैं।
प्रधानमंत्री--इतनी छोटी-छोटी जमीन का टुकड़ा, और इतना बड़ा परिवार आपने व्यवस्था क्या बनाई है ?
रामगुलाब- सर, हम किसानों के साथ मिलकर एक एफपीओ का गठन किए हैं, जिसमें हम 100 किसानों से शुरू किए हैं, जिसे आपसे कहने में बहुत खुशी हो रही है, आभार व्यक्त करते हैं, कि आप से हम रूबरू हो रहे हैं और अब वह खेती सबके साथ मिलाकर करते हैं। इस समय शकरकंद की नए प्रजाति की खेती कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री- अच्छा, आपके 100 के 100 किसान जिनका आपने एफपीआे बनाया है, सबके सब शकरकंद की खेती करते हैं?
रामगुलाब- नहीं सर, अभी इस बार नई फसल यह आई है। पहले धान, गेहूं एवं सब्जी की खेती अधिक करते थे। इस समय लगभग 10 टन देने के लिए एग्रीमेंट अहमदाबाद की कंपनी से किए हैं। इसमें कृषि विभाग एवं नाबार्ड और एक एनजीआे महराजगंज के मुख्य धार हैं, विनोद तिवारी, उनके माध्यम से हम कार्य कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री- तो आपके माध्यम से जो 100 किसान जुड़े हैं, उसमें बड़े किसान हैं, या छोटे किसान?
रामगुलाब- सर, सब छोटे किसान हैं और सब वनटांगिया गांव के ही किसान हैं। महराजगंज में 18 वनग्राम हैं, जिनमें पहले 100 किसान जुड़े थे, अब इस समय 300 किसान तक जुड़ चुके हैं।
प्रधानमंत्री- अरे वाह, तो अहमदाबाद की कंपनी आप से माल खरीद रही है, आपको पूरे पैसे दे रही है?
रामगुलाब- सर, हमसे एग्रीमेंट हुआ है। हम पहले 10 से 15 रुपये किलो लोकल मार्केट में बेच देते थे, लेकिन अब उनसे हमसे 25 रुपये पर एग्रीमेंट हुआ है और वह हमारे घर से लेकर जाएंगे। इसमें किसी प्रकार का भाड़ा नहीं देना है, न ही कोई बिचौलिया होगा।
प्रधानमंत्री- अरे वाह, तो आपको यह नए कृषि सुधार के कारण आपको सबसे बड़ा लाभ होगा, आपको ऐसा लगता है?
रामगुलाब- जी।
प्रधानमंत्री- और यह जमीन तो नहीं चली जाएगी ?
रामगुलाब- नहीं सर, इससे तो हम देख रहे हैं कि जमीन नहीं जाएगी।
प्रधानमंत्री- चलिए, झूठ फैलाया जा रहा है, आप जैसे लोग जब बोलते हैं, तो विश्वास लोगों का बढ़ता है कि हमारी जमीन नहीं जाएगी, केवल फसल बिकती है। पहले फसल बर्बाद होती थी, अब फसल बिकती है। चलिए आपको बधाई देता हूं, आप 300 छोटे-छोटे किसान तक पहुंच गए। मैं मानता हूं कि आपके द्वारा महराजगंज में बहुत बड़ी क्रांति आएगी और यह बात पूरे उत्तर प्रदेश में फैलेगी। बहुत बड़ा लाभ होगा। मैं आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। अभिनंदन करता हूं, किसानों का आशीर्वाद बना रहे, ताकि हम देश के किसानों का कल्याण कर सकें।