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इंटरनेट मीडिया पर यूपी बोर्ड परीक्षा की फर्जी समय सारिणी वायरल, बोर्ड का खंडन Gorakhpur News

यूपी बोर्ड की फर्जी समय सारिणी इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने से छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ गई है। शरारती तत्वों के इस कृत्य से छात्रों के बीच परीक्षा को लेकर गलत मैसेज न जाए इसको देखते हुए बोर्ड ने इसका खंडन करते हुए समय सारिणी को फर्जी बताया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 03:02 PM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 03:48 PM (IST)
इंटरनेट मीडिया पर यूपी बोर्ड परीक्षा की फर्जी समय सारिणी वायरल, बोर्ड का खंडन Gorakhpur News
यूपी बोर्ड परीक्षा की फर्जी समय सारिणी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जेएनएन। यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं की फर्जी समय सारिणी सोमवार को इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने से छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ गई है। शरारती तत्वों द्वारा किए गए इस कृत्य से छात्रों के बीच परीक्षा को लेकर गलत मैसेज न जाए इसको देखते हुए बोर्ड ने तत्काल इसका खंडन करते हुए समय सारिणी को फर्जी बताते हुए इसे वायरल करने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने को कहा है। बोर्ड से निर्देश आने के बाद डीआइओएस ने भी इसका खंडन करते हुए समय सारिणी को फर्जी करार दिया है।

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एफआइआर दर्ज कराएगा बोर्ड

यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने कहा कि यह नितांत ही फर्जी है। इस फर्जी कार्यक्रम का संज्ञान न लिया जाए। बोर्ड सचिव ने कहा कि इस मामले में एफआइआर दर्ज कराएंगे। इस तरह की फर्जी सूचना प्रसारित करने वालों पर शीघ्र ही कड़ी कार्रवाई भी होगी। प्रभारी डीआइओएस आरन भारती ने बताया कि इंटरनेट मीडिया पर बोर्ड परीक्षा को लेकर प्रसारित की जा रही समय सारिणी पूरी तरह से फर्जी है। बोर्ड से अभी परीक्षाओं की कोई तिथि जारी नहीं हुई है। छात्र-छात्राएं ऐसी भ्रामक सूचनाओं पर ध्यान न देते हुए अच्छे से अपनी तैयारी करें।

डिजिलाकर से इस बार भी मिलेगा प्रमाणपत्र

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से इस बार भी अंकपत्र और प्रमाणपत्र डिजिटल फार्मेट में जारी किया जाएगा। यानि छात्र-छात्राएं डिजिलाकर के माध्यम से ही ये प्रमाणपत्र घर बैठे डाउनलोड कर सकेंगे। 10वीं व 12वीं के छात्रों को इसका लाभ मिलेगा। मोबाइल नंबर और फेस मैचिंग तकनीक के माध्यम से छात्रों को यह सुविधा मुहैया कराई जाएगी। कोरोना संक्रमण के कारण बोर्ड की ओर से यह निर्णय लिया गया है। छात्र इसका प्रिंटआउट निकाल इसी के आधार पर आगे की कक्षाओं में दाखिला भी ले सकेंगे। पूर्व छात्र भी मोबाइल नंबर और अन्य कुछ जानकारियां देकर कर अपना डिजिटल प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे। बोर्ड की इस नई व्यवस्था से छात्रों की यह परेशानी दूर हो गई है।

वर्तमान में जनपद में 117 स्कूलों को सीबीएसई से मान्यता मिली है। ऐसे में यहां के लगभग 40 हजार छात्र इससे सीधे लाभान्वित होंगे। इस तकनीक के जरिये छात्र अपना चेहरा दिखाएंगे। सिस्टम छात्र के चेहरे को एडमिट कार्ड के फोटो से मिलान कर लेगा, जिसके बाद छात्र आसानी से अपना डिजिटल लाकर खोल पाएंगे। सीबीएसई की यह सुविधा देश-विदेश में रहने वाला कोई भी छात्र उठा सकता है। 

कोरोना को देखते हुए सीबीएसई ने इस बार भी यह व्यवस्था लागू की है। छात्र इसी आधार पर अपना अंकपत्र व प्रमाण पत्र लेकर अगली कक्षाओं में प्रवेश ले सकेंगे। बोर्ड की इस व्यवस्था से जनपद के 40 हजार छात्रों को फायदा होगा। कई बार छात्र अपना पासवर्ड भूल जाते हैं और इसके कारण वे अपना डिजिटल लाकर का उपयोग करना छोड़ देते हैं। बोर्ड की पहल से उन्हें काफी मदद मिलेगी। स्कूलों को इसकी जानकारी दी जा रही है, ताकि वह छात्र-छात्राओं को इससे अवगत करा सकें। - अजीत दीक्षित, जिला समन्वयक, सीबीएसई।


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