बंद हो गई नेपाली नागरिकों के फर्जी पासपोर्ट की जांच, ढूंढे नहीं मिल रहे 31 लोग Gorakhpur News
वर्ष 2005 से 2009 के बीच शहर के कूड़ाघाट शाहपुर के पते पर नेपाली मूल के 91 लोगों ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था।पुलिस एलआइयू के वेरीफिकेशन के बाद 60 लोगों को पासपोर्ट मिला।
गोरखपुर, जेएनएन। फर्जी दस्तावेज और पते पर पासपोर्ट बनवाने वाले 31 नेपाली नागरिकों के गायब होने की फाइल पुलिस ने बंद कर दी है। 11 साल तक जांच करने के बाद भी पुलिस और क्राइम ब्रांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। जिसकी मुख्य वजह पासपोर्ट धारक का वेरीफिकेशन करने वाले तत्कालीन थानेदार और एलआइयू के लोगों का कार्रवाई की जद में आना है।
इस पते पर किया था आवदेन
वर्ष 2005 से 2009 के बीच शहर के कूड़ाघाट, शाहपुर के पते पर नेपाली मूल के 91 लोगों ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। इसमें पुलिस, एलआइयू के वेरीफिकेशन के बाद 60 लोगों को पासपोर्ट मिला था।
आवेदन के बाद हुई थी शिकायत
भारत-नेपाल मैत्री समाज के तत्कालीन अध्यक्ष रहे मोहन लाल गुप्ता (अब दिवंगत) ने 2009 में अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर फर्जी पते पर नेपाली नागरिकों के पासपोर्ट बनने की शिकायत की थी। जांच में आरोप सही मिला। पासपोर्ट बनवाने वाले 36 लोग रिकार्ड में दर्ज पते पर नहीं मिले। पूछताछ करने पर आसपास के लोगों ने भी जानकारी होने से इन्कार कर दिया।
2014 में नए सिरे से हुई जांच
एलआइयू और पुलिस कर्मियों की कार्रवाई की जद में आने पर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। शासन में शिकायत के बाद वर्ष 2014 में नए सिरे से जांच हुई। जिसमें कैंट क्षेत्र के पते पर 26 और शाहपुर के पते पर पासपोर्ट बनवाने वाले पांच लोग दोषी मिले थे। 15 जुलाई 2015 को कैंट पुलिस व तीन दिन बाद शाहपुर पुलिस ने पासपोर्ट बनवाने वाले नेपाली नागरिकों पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने और 17 पासपोर्ट अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया। आरोपियों में 25 महिलाएं हैं।
इन पर दर्ज है मुकदमा
सीमा राना, कल्पना थापा, मेनका थापा, विमला थापा, रामा गुरुंग, सीमा, सीमा पुत्री नरेश, कमला, प्रिया गुरुंग, सोनिया गुरुंग, आशा, आरती श्रेष्ठ, प्रीति गुरुंग, हेमा, संतोषी गुरुंग, कुमारी रमा थापा, गंगा थापा, आशा थापा, कल्पना गुरुंग, माया, रीता सुब्बा ,रूपा लामा, सिंधु रियल, संगीता गुरुंग, सूरज राना, अनिल गुरुंग।
छह पते से हुए थे आवेदन
पासपोर्ट बनवाने के लिए जीआरडी गेट, चंडी भवन, दुर्गा भवन, कूड़ाघाट, यादव निवास, जगरनाथ भवन के पते का इस्तेमाल किया गया था। इस पते पर कुल 53 नेपाली नागरिकों ने आवेदन किए थे, जिसमें 36 लोगों को स्थानीय निवासी बताते पुलिस और एलआइयू के अधिकारियों ने पासपोर्ट जारी करने की संस्तुति की थी।
फिरसे जांच करेगी क्राइम ब्रांच
इस संबंध में एसएसपी डा. सुनील गुप्त का कहना है कि फर्जी नाम व पता पर नेपाली नागरिकों के पासपोर्ट बनवाने का मामला गंभीर है। क्राइम ब्रांच नए सिरे से इसकी जांच करेगी। दोषियों पर कार्रवाई होगी।