देवरिया के 72 वित्तपोषित विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा, एसटीएफ की जांच शुरू Gorakhpur News
एसटीएफ के इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह का कहना है कि देवरिया जिले में वित्त पोषित विद्यालयों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री पर शिक्षकों की नियुक्ति होने केे प्रमाण मिलेे हैंं।
गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया जिले के कई वित्त पोषित विद्यालयों में फर्जी डिग्री पर शिक्षकों की नियुक्ति का मामला सामने आया है। फिलहाल 72 विद्यालय संदेह के दायरे में हैं। हाल के दिनों में कई फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने के बाद एसटीएफ ने इन विद्यालयों में हुई नियुक्तियों की जांच शुरू कर दी है।
कैसे खुला मामला
एसटीएफ की गोरखपुर इकाई ने इस साल 19 फरवरी को कैंट क्षेत्र में चार फाटक ओवरब्रिज के पास से देवरिया जिले के पथरदेवा क्षेत्र स्थित लघु माध्यमिक विद्यालय पुरैनी में पढ़ाने वाले शिक्षक सतीश चंद मिश्र उर्फ राजू को गिरफ्तार किया था। फर्जी डिग्री पर उसने नौकरी हासिल की थी।
पूछताछ में 17 शिक्षकों के बारे में दी जानकारी
पूछताछ में उसने अपने साथ दो अन्य विद्यालयों में फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे 17 शिक्षकों के बारे में जानकारी दी। जांच में उनकी भी डिग्री फर्जी होने की पुष्टि हो गई। एसटीएफ ने शिक्षा विभाग से वित्त पोषित विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्त संबंधी दस्तावेजों को हासिल कर उनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों को संबंधित बोर्ड और विश्वविद्यालय को सत्यापन के लिए भेजा है।
गोरखपुर के शिक्षकों का भी मांगा रिकार्ड
गोरखपुर जिले में भी वित्त पोषित विद्यालयों में फर्जी डिग्री पर शिक्षकों की नियुक्ति होने का संदेह है। एसटीएफ ने यहां भी शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर वित्त पोषित विद्यालयों में पिछले एक दशक में हुई नियुक्तियों का विवरण मांगा है। हालांकि शिक्षा विभाग ने अभी रिकार्ड नहीं उपलब्ध कराया है।
फर्जी डिग्री पर नियुक्ति होने के मिले हैं प्रमाण
इस संबंध में एसटीएफ के इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह का कहना है कि देवरिया जिले में वित्त पोषित विद्यालयों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री पर शिक्षकों की नियुक्ति होने केे प्रमाण मिलेे हैंं। ऐसे 72 विद्यालय चिह्नित कर छानबीन की जा रही है। गोरखपुर जिले में भी कुछ विद्यालयों में फर्जी डिग्री पर नियुक्ति होने का संदेह है।