परीक्षा नियंत्रक तक पहुंचे सेडिका के फेल एलएलबी विद्यार्थी
सेंट एंड्रयूज कालेज के एलएलबी प्रथम वर्ष के विद्यार्थी 30 नवंबर को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन स्थित परीक्षा नियंत्रक के कार्यालय पहुंचे। ये वह विद्यार्थी थे जो इस बार मूल्यांकन के बाद प्रथम वर्ष में फेल घोषित किए गए हैं।
गोरखपुर, जागरण संंवाददाता। सेंट एंड्रयूज कालेज के एलएलबी प्रथम वर्ष के विद्यार्थी 30 नवंबर को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन स्थित परीक्षा नियंत्रक के कार्यालय पहुंचे। ये वह विद्यार्थी थे, जो इस बार मूल्यांकन के बाद प्रथम वर्ष में फेल घोषित किए गए हैं। विद्यार्थियों का कहना था कि उनकी कापियों के मूल्यांकन में कोई न कोई गड़बड़ी हुई, जिसके चलते प्रथम वर्ष के आधे से अधिक विद्यार्थी फेल हो गए हैं। परीक्षा नियंत्रक ने विद्यार्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और किसी भी गड़बड़ी स्थिति में सुधार का आश्वासन दिया। उनके आश्वासन के बाद विद्यार्थी उम्मीद के साथ वापस लौटे।
प्रथम व द्वितीय समेंटर में मिले बराबर नंबर
कुछ विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें द्वितीय सेमेस्टर में भी वही नंबर मिल गया है, जो प्रथम सेमेस्टर में मिला है जबकि द्वितीय सेमेस्टर में उनका पेपर काफी अ'छा हुआ था। ऐसे में ऐसा लग रहा है कि दूसरे सेमेस्टर की कापियों का मूल्यांकन करने की बजाय पहले सेमेस्टर का नंबर ही दूसरे सेमेस्टर के लिए भी अंकपत्र पर चढ़ा दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय ने उनसे अन्य वर्षों की तरह कापियों के देखे जाने का अधिकार भी छीन लिया है।
काउंटर से नहीं मिल रहा फार्म
जब वह कापी देखने के लिए विश्वविद्यालय के काउंटर पर फार्म की मांग कर रहे हैं तो उन्हें यह कहकर भगा दिया जा रहा है कि इस बार कापी दिखाए जाने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। कुछ छात्र व छात्राएं तो मूल्यांकन में कथित गड़बड़ी को लेकर आक्रोशित दिखे। उनका कहना था कि यदि जल्द विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे लेकर विद्यार्थियों के पक्ष में निर्णय नहीं लिया तो वह आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
जांच कराई जाएगी
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा. अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सेंट एंड्रयूज कालेज के एलएलबी प्रथम वर्ष के कुछ विद्यार्थियों ने मूल्यांकन में गड़बड़ी की शिकायत की है। उनकी शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। जल्द इसकी जांच कराई जाएगी। यदि कोई गड़बड़ी मिली तो उसे तत्काल सुधारा जाएगा। विद्यार्थियों के करियर पर हरगिज आंच नहीं आने दी जाएगी।