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Trauma Center In Gorakhpur: सुव‍िधाएं न के बराबर, बिल बना रहे लाखों में

Trauma Center In Gorakhpur सुविधाओं के नाम पर मरीजों से निजी अस्पताल जबरदस्त वसूली कर रहे हैं। जबकि इनकी निगरानी के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास एक भारी-भरकम अमला है। बावजूद इसके जिले में 24 से अधिक ट्रामा सेंटर बिना अनुमति के धड़ल्ले से चल रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 12:30 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 12:30 PM (IST)
Trauma Center In Gorakhpur: सुव‍िधाएं न के बराबर, बिल बना रहे लाखों में
गोरखपुर में ट्रामा सेंटर मरीजों से अवैध वसूली कर रहे हैं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बिना सुविधा के सुविधाओं के नाम पर मरीजों से निजी अस्पताल जबरदस्त वसूली कर रहे हैं। जबकि इनकी निगरानी के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास एक भारी-भरकम अमला है। बावजूद इसके जिले में 24 से अधिक ट्रामा सेंटर बिना अनुमति के धड़ल्ले से चल रहे हैं। किसी के पास चार आपरेशन थियेटर नहीं हैं। कहीं एक सर्जन व एक फिजिशियन तो कहीं वह भी नहीं हैं। यहां तक कि कई अस्पतालों में एमबीबीएस डाक्टर तक नहीं हैं।

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बीएएमएस के भरोसे हो रहा मरीजों का इलाज

बीएएमएस के भरोसे मरीजों का इलाज किया जा रहा है। लेकिन बिल में कोई कोताई नहीं बरती जा रही है। मरीजों से भारी-भरकम धनराशि वसूली जा रही है। कोरोना संक्रमण काल में यह बात उजागर हुई तो अनेक अस्पतालों ने प्रशासन के दबाव में रुपये वापस किए। स्थिति यह है रुपये के आगे मानवीय संवेदना तार-तार हो रही है। मरीज की मौत हो जाने के बाद भी अस्पताल स्वजन को सूचना तब देते हैं तब पूरे बिल का भुगतान करा लेते हैं।

वसूल रहे लाखों का बिल

बिछिया के विवेक नगर निवासी विश्राम यादव को कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वजन ने बुद्ध विहार व्यावसायिक कालोनी स्थित शानवी हास्पटिल मैटर्निटी एंड ट्रामा सेंटर में 16 मई को भर्ती कराया। 31 मई को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उनके बेटे रतन यादव ने बताया कि 16 दिन में अस्पताल ने लगभग सात लाख रुपये की बिल बनाया था। भुगतान के बाद ही पिता का शव बाहर निकलने दिया। कर्ज लेकर किसी तरह उन्होंने भुगतान किया। इसी तरह शिवपुर सहबाजगंज सेक्टर तीन निवासी निर्मला वर्मा को कोरोना के लक्षण आने के बाद फातिमा अस्पताल में सात मई को स्वजन ने भर्ती कराया।

15 मई को इलाज के दौरान उनकी मौत गई। उनके बेटे मनीष ने बताया कि बिल मनमाने तरीके से बनाकर रुपये वसूले गए। सात दिन 1.30 लाख रुपये लिए गए। इसी तरह न्यू प्रकाश, आस्था, मेडिहब, अभिज्ञा, डिसेंट, शिवा सहित लगभग 10 अस्पतालों ने कोविड संक्रमण काल के दौरान मरीजों से अधिक रुपये लिए। शिकायत पर कमिश्नर ने जांच बैठाई। मामले सही पाए गए। इसके बाद जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के दबाव में इन अस्पतालों ने लगभग 10.23 लाख रुपये मरीजों को वापस किए।

नियम विरुद्ध चल रहे सभी अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। तैयारी पूरी हो चुकी है। शीघ्र ही इनके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। - डा. सुधाकर पांडेय, सीएमओ।


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