गोरखपुर के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बनेगा एक्सपोर्ट एक्शन प्लान Gorakhpur News
एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में गोरखपुर के दो उत्पाद हैं। एक है टेराकोटा कलाकृतियां और दूसरे रेडीमेड उत्पाद को शामिल किया गया है। इन दोनों उत्पादों को निर्यात के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
उमेश पाठक, गोरखपुर। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार गंभीर है। इसी के तहत हर जिले के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए वहां का एक्सपोर्ट एक्शन प्लान बनाने को कहा गया है। इसके लिए शासन की ओर से कंसलटेंसी फर्म अर्नेस्ट एंड यंग (ई एंड वाई) को कार्ययोजना बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। गोरखपुर में भी इस प्लान पर काम शुरू हो गया है। 23 नवंबर को गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। इसमें प्रशासनिक अधिकारी, उद्यमी, उद्योग विभाग के अधिकारी, फर्म के प्रतिनिधि शामिल होंगे। केंदीय वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी आनलाइन जुड़ेंगे। सेमिनार में एक्शन प्लान को लेकर चर्चा की जाएगी।
एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में गोरखपुर के दो उत्पाद, टेराकोटा कलाकृतियां एवं रेडीमेड उत्पाद को शामिल किया गया है। इन दोनों उत्पादों को निर्यात के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इसके साथ ही चावल, टेक्सटाइल सहित कई उत्पादों की सूची बनाई गई है। उद्योग विभाग की मदद से जिला प्रशासन ने छोटे-बड़े करीब 162 उत्पादों की सूची पहले ही तैयार की है। इसमें सब्जियां भी शामिल हैं। सेमिनार के माध्यम से संस्था गोरखपुर की निर्यात क्षमता का आकलन भी करेगी। इसके बाद रिपोर्ट शासन को दी जाएगी।
नेपाल को निर्यात में 10 फीसद ही है प्रदेश का हिस्सा
गोरखपुर पड़ोसी राष्ट्र नेपाल की सीमा के काफी नजदीक है। इस बार्डर से ही बड़े पैमाने पर सामान की आपूर्ति वहां की जाती है। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन का कहना है कि नेपाल को भारत की ओर से होने वाले निर्यात में उत्तर प्रदेश का हिस्सा करीब 10 फीसद ही है। अब इसे बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। निर्यात बढ़ने से यहां के किसानों को भी सीधा फायदा होगा। इसके लिए सेमिनार आयोजित किया जा रहा है।
ड्राई पोर्ट एवं सेज की योजना
निर्यात को बढ़ाने के लिए गोरखपुर में ड्राई पोर्ट एवं स्पेशल इकोनामिक जोन (सेज) विकसित करने की भी योजना है। इसके लिए जमीन चिन्हित करने की प्रक्रिया चल रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ड्राई पोर्ट जरूरी है। साथ ही सेज का काम भी पाइप लाइन में है। यहां निर्यात पार्क बनाने की भी योजना है। उद्योग विभाग के आयुक्त आरके शर्मा का कहना है कि जिले में निर्यात का एक्शन प्लान बनाने के लिए प्रयास शुरू हो गया है। प्रदेश सरकार की ओर से इसके लिए कंसलटेंसी फर्म को जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए गीडा में 23 को एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी व उद्यमी भाग लेंगे।