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निमहंस के विशेषज्ञों ने किशोरियों से पांच घंटे तक की पूछताछ Gorakhpur News

देवरिया के चर्चित बाल गृह बालिका कांड की जांच कर रही सीबीआइ टीम के सबूत जुटाने में मदद करने आई निमहंस ( नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूराे साइंस ) की टीम पांच घंटों तक जिला पंचायत स्थित डाक बंगला में किशोरियों से पूछताछ की।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 11:46 AM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 11:47 AM (IST)
निमहंस के विशेषज्ञों ने किशोरियों से पांच घंटे तक की पूछताछ Gorakhpur News
किशोरियों से पांच घंटे तक की गई पूछताछ। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया जनपद के चर्चित बाल गृह बालिका कांड की जांच कर रही सीबीआइ टीम के सबूत जुटाने में मदद करने आई निमहंस ( नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूराे साइंस ) की टीम पांच घंटों तक जिला पंचायत स्थित डाक बंगला में किशोरियों से पूछताछ की। सीबीआइ की टीम ने किशोरियों के बयान लिए। इस दौरान टीम के अलावा कोतवाली की महिला उप निरीक्षक के साथ ही पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे। पूछताछ की सीबीआइ की टीम ने वीडियो भी बनाया। चर्चित कांड की जांच 20 अगस्त 2019 से सीबीआइ की टीम कर रही है।

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रविवार से जमी हुई है निमहंस की टीम

रविवार से जिले में निमहंस के विशेषज्ञों की टीम भी सीबीआइ का सहयोग करने के लिए जिले में जमी हुई है। बलिया बाल गृह से पांच व देवरिया जनपद में मौजूद तीन किशोरियों को सुबह आठ बजे जिला पंचायत स्थित डाक बंगले में सीबीआइ के विवेचक विवेक श्रीवास्तव के नेतृत्व में पहुंचाया गया। लगभग नौ बजे निमहंस की पांच महिला विशेषज्ञ पहुंची और अलग-अलग किशोरियों से बातचीत की। इस दौरान किशोरियों से विशेषज्ञों ने बाल गृह बालिका में रहने के दौरान क्या-क्या गतिविधि थी, क्या व्यवस्था थी? और क्या-क्या सुविधाएं मिलती थी? इस पर चर्चा की। विशेषज्ञों के सवालों का किशोरियों ने जवाब दिया। उस जवाब से ही विशेषज्ञ घटना का तार जोड़ते हुए नजर आए। देवरिया की किशोरी तो अपने स्वजन के साथ आई थी, जबकि बलिया बाल गृह से आई किशोरियों को सीबीआइ ने अपने वाहन से बलिया भेज दिया।

आज लखनऊ से आएंगी किशोरियां

बाल गृह बालिका कांड के पर्दाफाश के दौरान उसमें रहने वाली किशोरियों को विभिन्न बाल गृह में रखा गया। अब उन किशोरियों से पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है और बुलाकर पूछताछ की जा रही है। बुधवार को लखनऊ बाल गृह से चार किशोरियों को आने की बात कही जा रही है। उनसे भी निमहंस की टीम पूछताछ करेगी और उनका बयान दर्ज किया जाएगा।

यह है पूरा मामला

रेलवे स्टेशन रोड में मां विध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह बालिका के मामलों का पर्दाफाश पांच अगस्त 2018 को पर्दाफाश हुआ था। इस मामले में संचालक गिरिजा त्रिपाठी समेत कई लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया था। पहले मामले की जांच एसआइटी ने की और फिर चार्जशीट दाखिल कर दिया। अब मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। सीबीआइ गिरिजा समेत अन्य कई लोगों का बयान भी दर्ज कर चुकी है।


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