सबूत जुटाने में सीबीआइ की मदद कर रहे निमहंस के विशेषज्ञ Gorakhpur News
देवरिया के चर्चित बालगृह बालिका कांड की जांच में सबूत जुटाने की कवायद तेज हो गई है। सीबीआइ टीम इस कार्य में बंगलुरु स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस (निमहंस) के विशेषज्ञों की मदद ले रही है।
गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया जनपद के चर्चित बालगृह बालिका कांड की जांच में सबूत जुटाने की कवायद तेज हो गई है। सीबीआइ टीम इस कार्य में बंगलुरु स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस (निमहंस) के विशेषज्ञों की मदद ले रही है। सीबीआइ टीम की मौजूदगी में विशेषज्ञों ने जिले में रहकर किशोरियों से बातचीत कर जानकारी जुटाई। चर्चित कांड की जांच कर रही सीबीआइ टीम पांच दिनों से जिले में रुकी हैं। निमहंस के विशेषज्ञ भी जिले में आ चुके हैं। जिला पंचायत स्थित गेस्ट हाउस में सीबीआइ अधिकारी विवेचक विवेक श्रीवास्तव की मौजूदगी में निमहंस के विशेषज्ञों ने किशोरियों से घटना के बारे में जानकारी की। इस दौरान कई सवाल पूछे और वैज्ञानिक तरीके से तथ्यों को एकत्र किया। निमहंस विशेषज्ञ सीबीआइ के साथ मिलकर सबूत जुटाने में मदद कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पहले दिन सात किशोरियों को बुलाया गया था।
पांच फरवरी तक रह सकते हैं निमहंस के विशेषज्ञ
निमहंस विशेषज्ञों के पांच फरवरी तक जिले में रहने की उम्मीद है। बाल गृह बालिका में रहने वाली 26 बालिकाओं को बलिया, वाराणसी व लखनऊ भेजा गया था। हाईकोर्ट के आदेश पर इनमें से चार की पहचान गुप्त रखी गई है। वहीं हाईकोर्ट ने बाल गृह बालिका में रहने वाली 121 बालिकाओं व युवतियों की तस्दीक करने का आदेश जिला प्रशासन को दिया है, जिसमें अबतक 114 की तस्दीक कर शपथ पत्र कोर्ट में दाखिल किया गया है।
संवासिनी गृह भवन सौंपने की तैयारी, सूचीबद्ध हो रहे सामान
कोर्ट के आदेश पर देवरिया शहर के रजला स्थित संवासिनी भवन को मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण संस्थान की संचालक गिरिजा त्रिपाठी को सौंपने की कवायद शुरू हो गई है। एएसडीएम की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय कमेटी ने भवन का सील खुलवाया। इसके बाद सामानों को सूचीबद्ध करने का काम शुरू किया गया। जिले की बहुचर्चित बाल गृह बालिका कांड की जांच सीबीआइ कर रही है। मामले में मुख्य आरोपित गिरिजा त्रिपाठी ने प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवरिया रजनीश कुमार के न्यायालय में रजला स्थित संवासिनी गृह भवन को मुक्त करने की गुहार लगाई थी, जिसमें कोर्ट ने सीबीआइ से पक्ष रखने को कहा। सीबीआइ ने कोर्ट को अवगत कराया कि इस भवन का मुकदमे से कोई संबंध नहीं है। कोर्ट ने सीबीआइ का पक्ष सुनने के बाद भवन स्वामी के पक्ष में भवन को रिलीव करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने के लिए डीएम अमित किशोर ने एएसडीएम लल्लन राम की अध्यक्षता में कमेटी गठित की, जिसमें जिला समाज कल्याण अधिकारी रामपाल यादव, जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार व सीओ निष्ठा उपाध्याय शामिल हैं।