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इस कारण नहीं हो पा रहा है गोरखपुर एयरपोर्ट का विस्तार Gorakhpur News

प्रतिदिन आठ हवाई जहाजों से आने-जाने वाले तकरीबन ढाई हजार यात्रियों के लिए छोटे पड़ रहे गोरखपुर एयरपोर्ट का विस्तार जमीन के अभाव में फंस गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 03:45 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 10:23 AM (IST)
इस कारण नहीं हो पा रहा है गोरखपुर एयरपोर्ट का विस्तार Gorakhpur News
इस कारण नहीं हो पा रहा है गोरखपुर एयरपोर्ट का विस्तार Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। प्रतिदिन आठ हवाई जहाजों से आने-जाने वाले तकरीबन ढाई हजार यात्रियों के लिए छोटे पड़ रहे गोरखपुर एयरपोर्ट का विस्तार जमीन के अभाव में फंस गया है। टर्मिनल भवन, कार्गो, विमानों के साथ वाहनों की पार्किंग सुविधा को बढ़ाने के लिए जरूरी 60 एकड़ जमीन न मिल पाने के चलते मामला लटका हुआ है। एयरपोर्ट अथारटी के साथ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने गुरुवार को बैठक कर इस पर मंथन किया, लेकिन कोई पुख्ता हल नहीं निकल सका।

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बैठने के लिए 25 से बढ़ाकर सौ सीटें हुईं

गोरखपुर एयरपोर्ट के टर्मिनल पर पहले 25 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था थी, जिसे मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने नया टर्मिनल बनवाकर उसकी क्षमता 100 सीट की करा दी थी। इस बीच कई शहरों के लिए नई विमानन सेवाएं शुरू हुई तो यात्रियों की संख्या ढाई से तीन हजार पहुंच गई और टर्मिनल काफी छोटा पडऩे लगा। वाहनों की पार्किंग के अलावा हवाई जहाजों की पार्किंग में भी काफी परेशानी हो रही है। 300 सीट की क्षमता वाले नए टर्मिनल, पार्किंग और कार्गो सेवा के विस्तार के लिए 60 एकड़ जमीन की जरूरत जताई गई है।

मुख्‍य सचिव ले चुके हैं बैठक

पिछले दिनों मुख्य सचिव की बैठक में गोरखपुर समेत प्रदेश के कुछ अन्य एयरपोर्ट के विस्तार पर सहमति बनने के बाद जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया था कि वह एयरपोर्ट अथारटी को जमीन मुहैया कराए। इसके बाद मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर, आइजी जय नारायण सिंह, जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन, एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को लेकर एयरफोर्स और एयरपोर्ट अथॉरिटी के

अधिकारियों संग बैठक की।

स्‍थानीय स्‍तर पर भी हुई बैठक

एयरपोर्ट परिसर में पिछले दिनों हुई बैठक के दौरान एयरपोर्ट के विस्तारीकरण पर चर्चा तो हुई लेकिन जमीन को लेकर कोई ठोस हल नहीं निकल सका। इस दौरान बताया गया कि वन विभाग की कुछ जमीन तो एयरपोर्ट के करीब है, लेकिन उसे विभाग से लेकर एयरपोर्ट को देने की प्रक्रिया जटिल है। एनजीटी से लेकर पेड़ काटने की अनुमति लेने में समय लग सकता है।

नहीं निकला कोई हल

काफी देर तक अधिकारियों के बीच चर्चा हुई लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। प्रशासनिक अधिकारियों ने एयरपोर्ट अथॉरटी को जमीन का इंतजाम करने के साथ विस्तारीकरण के तकनीकी, सुरक्षा एवं अन्य


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